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आपदा कंट्रोल रूम में पहुंचे CM धामी, भारी बारिश से हुए नुकसान की ली जानकारी, जोशीमठ के ताजा हालात की भी समीक्षा

उत्तराखंड में भारी बारिश से हुए नुकसान और राज्य में अलग-अलग जगहों पर आपदा की स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे और भारी बारिश से हुए नुकसान को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जोशीमठ और अन्य क्षेत्रों में लगातार बारिश की समीक्षा कर स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है.

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Published : Mar 31, 2023, 10:11 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के कई इलाकों में शुक्रवार 31 मार्च सुबह से जोरदार बारिश हो रही है. बारिश की वजह से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालत बन गए है. इन सब हालात को देखते हुए शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूप में पहुंचे और पूरे प्रदेश के हालात का जायजा लिया.

बारिश के बाद प्रदेश में बने ताजा हालात की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से जानकारी और उन्हें जरुरी दिशा-निर्देश भी दिए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तरफ से अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि हर क्षेत्र में नजर रखी है, जहां भी जरूरत हो, वहां तुरंत सहायत उपलब्ध कराई जाए. इसके अलावा बारिश और ओलावृष्टि के किन जगहों पर किनती नुकसान हुआ है, उसकी रिपोर्ट भी जल्द तैयार की जाए, ताकि पीड़ित को जल्द से जल्द मदद दी जा सके.

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बता दें कि बारिश के कारण नैनीताल जिले के रामनगर में बरसाती गदेरे के उफान पर आने से यात्रियों से भरी बस भी पलट गई थी. बस में फंसे यात्रियों का पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया. वहीं मसूरी में भी हादसा हुआ है. यहां सवॉय होटल का पुश्ता गिर गया था, जिस वजह से कई गाड़ियां मलबे के नीचे दब गई. गनीमत रही कि इस दौरान गाड़ी में कोई व्यक्ति नहीं बैठा था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था. इन सबसे के अलावा रामनगर में ही चार मजूदर बरसाती गदेरे में फंस गए थे, जिन्हें पुलिस ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला.
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वहीं, बारिश और ओलावृष्टि की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को पहुंचा है, क्योंकि तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण खेतों में तैयार खड़ी गेंहू की फसल बर्बाद हो गई है. किसानों ने सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है. वहीं, बीते दो दिनों से मौसम के बिगड़े मिजाज के कारण चारधाम यात्रा की तैयारियां के काम में परेशानी आ रही है. सबसे ज्यादा मुश्किल केदारनाथ धाम में आ रही है. क्योंकि, कुछ दिनों पहले जिन पैदल मार्ग से मजदूरों ने बर्फ को पूरी तरह के हटा दिया था, वहां बीते दिनों हुई बर्फबारी के बाद फिर से बर्फ की मोटी परत जम गई है, जिसे साफ करने में मजूदरों के पसीने छूट रहे है. रास्त साफ नहीं होने के कारण केदारनाथ में जरूरी सामग्री भी नहीं पहुंच पा रही है.
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बता दें कि मौसम विभाग ने पहले ही उत्तराखंड में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया था. मौसम विभाग का मानना है कि पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) के कारण प्रदेश में मौसम का मिजाज कुछ बदला हुआ रहेगा. एक तरफ जहां मैदान इलाकों में जोरदार बारिश होगी तो वहीं, पहाड़ी इलाकों में ओलावृष्टि और बर्फबारी का आसार जताए गए थे.

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