हरिद्वार:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज एक दिवसीय दौरे पर हरिद्वार पहुंचे. जहां उन्होंने सबसे पहले भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रबुद्ध सम्मेलन में प्रतिभाग किया. इसके बाद सीएम कनखल स्थित महानिर्वाणी अखाड़े पहुंचे. जहां उन्होंने अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अखाड़े में शिवलिंग की पूजा अर्चना की.
पुष्कर धामी से मुलाकात के बाद अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री महंत रविंद्रपुरी ने कहा कि सीएम काफी समय से इच्छा थी कि वह महानिर्वाणी अखाड़े में आकर भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करें. आज हरिद्वार में कई कार्यक्रमों में शामिल होने के मुख्यमंत्री धामी आए हुए थे. कार्यक्रमों में शिकरत करने के बाद सीएम पहली बार महानिर्वाणी अखाड़े में आए हैं. इस दौरान उन्होंने भगवान भोलेनाथ की आराधना और रुद्राभिषेक किया.
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बता दें कि बीते शनिवार सीएम पुष्कर धामी टिहरी झील के किनारे बसे तिवाड़गाव में थे. सीएम धामी ममता पंवार के कुटुंब होमस्टे पहुंचे. तिवाड़ गांव पहुंचने पर सीएम का ग्रामीणों ने भव्य तरीके से ढोल-दमाऊ और वाद्य यंत्रों के साथ स्वागत किया. इस दौरान सीएम धामी ने चौपाल लगाकर ग्रामीणों के बीच पर्यटन सहित तमाम विषयों पर चर्चा करते हुए तन्मयता से लोगों के सवालों के जवाब दिए. इस मौके पर ग्रामीणों और स्थानीय कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियां देकर सीएम सहित अतिथियों को मनमोह लिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने तिवाड़ गांव में फिश एकलिंग का शुभारंभ किया.
कार्यक्रम में ग्रामीणों, विभिन्न पर्यटन व्यवसायियों ने ग्राम चौपाल में पर्यटन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और अपने विचारों से सीएम को अवगत कराया. सीएम ने पर्यटन सुझावों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया. सीएम धामी ने इस मौके पर कहा पर्यटन नीतियों के सरलीकरण के लिए राज्य सरकार सिंगल विंडो सिस्टम को बढ़ावा देगी. अधिक से अधिक युवाओं को राफ्टिंग का परमिट मिले, इसके लिए सरकार कार्य करेगी.
सीएम धामी ने तिवाड़ गांव में चल रहे 32 होमस्टे की सराहना की. उन्होंने कहा यह गांव पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण है. चौपाल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई सुझाव सरकार के सामने आएंगे. राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जनता का सहयोग जरूरी है. सरकार और जनता समन्वय से हर असंभव कार्य को पूरा करेगी. आज होमस्टे के लिए मिलने वाली सब्सिडी 33 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दी गई है. चौपाल के दौरान मुख्यमंत्री मंच छोड़ महिलाओं के बीच बैठे और गांव वासियों का हालचाल जाना.