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सीएम धामी ने पीएम मोदी से की मुलाकात, राज्य में चल रहे विकास कार्यों की दी जानकारी

CM Dhami met PM Modi सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. सीएम धामी ने पीएम मोदी को प्रदेश के कार्यों की जानकारी दी. साथ ही कई प्रस्तावों का अनुरोध भी किया. सीएम ने मानसखंड मंदिर माला मिशन के लिए एक हजार करोड़ रुपये स्वीकृति का अनुरोध भी किया.

CM Dhami met PM Modi
दिल्ली दौरे पर सीएम धामी

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 18, 2024, 8:05 PM IST

देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरे के दौरान सीएम धामी केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं. बुधवार को जहां सीएम धामी ने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की थी तो गुरुवार को मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री मोदी को बागेश्वर के प्रसिद्ध ताम्र शिल्प पर आधारित उत्पाद को भेंट स्वरूप दिया. साथ ही प्रदेश में चल रहे तमाम विकास कार्यों की भी जानकारी दी.

सीएम धामी ने मुलाकात के दौरान पीएम मोदी को उत्तराखंड में 8 और 9 दिसंबर 2023 को हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान साइन हुए एमओयू के प्रस्तावों की ग्राउंडिंग के लिए किए जा रहे तमाम कार्यों की जानकारी दी. सहकारिता विभाग से सभी कर्मचारियों के परिवारों की आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षा को देखते हुए सहकारी किसान समृद्धि कार्ड योजना (नमो सहकारी कवच कार्ड) शुरू करने से संबंधित जानकारी दी. साथ ही प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को और बेहतर बनाए जाने के लिए शुरू किए गए मानसखंड मंदिर माला मिशन, हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर को विकसित करने और प्रदेश को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के साथ ही हेली सेवाओं की विस्तार के लिए किए जा रहे कामों की जानकारी दी.

इन योजनाओं की दी जानकारी: यही नहीं, सीएम ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण किए गए राज्य के स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग के लिए अंब्रेला ब्रांड के रूप में 'हाउस ऑफ हिमालयाज' को और अधिक बेहतर बनाकर स्थानीय उत्पादों और कलाकृतियों को एक बेहतर स्थान देते हुए उत्पादकों एवं शिल्पकारों को मजबूत बनाया जा रहा है. सड़क एवं परिवहन, ऊर्जा, नई टाउनशिप के विकास और आयुष के क्षेत्र में हो रहे तमाम कार्यों के साथ ही उत्तराखंड स्टेट मिलेट मिशन की कार्ययोजनाओं और मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के तहत प्रदेश की जनता को मिल रहे फायदे की जानकारी दी गई.
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राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का अनुरोध: पीलीभीत-खटीमा राजमार्ग को चार लेन के चौड़ीकरण के लिए, परिसंपत्तियों का ट्रांसफर करने के लिए कार्यदायी संस्था नामित कर कार्य शुरू कराने, मसूरी में दो लेन टनल परियोजना के कार्य को लेकर लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था बनाने और टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करते हुए खर्च का पूरा भार भारत सरकार की ओर से वहन करने का अनुरोध किया.

इन विकास कार्यों की अनुमति देने का किया अनुरोध: सीएम ने पीएम से राज्य को केंद्रीय पूल के कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आवंटित करने, टनकपुर- देहरादून के बीच एक जनशताब्दी रेल सेवा, टनकपुर से नई दिल्ली के बीच एक फास्ट ट्रेन और देहरादून-हरिद्वार-रामनगर सीधी रेल सेवा संचालित करने के साथ ही वायुसेना की ओर से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी के नियमित रख-रखाव, जौलीग्रांट हवाई अड्डे के उच्चीकरण के साथ ही तमाम जल विद्युत परियोजनाओं के विकास-निर्माण की अनुमति देने का भी अनुरोध किया.

मानसखंड मंदिर माला मिशन के लिए मांगा एक हजार करोड़: सीएम ने पीएम नरेंद्र मोदी से कर्णप्रयाग- ग्वालदम मार्ग में बीआरओ की ओर से किए जा रहे कार्यों में तेजी लाने, पर्यटन और सैन्य आवगमन और आम जनमानस के लिए महत्त्वपूर्ण 189 किलोमीटर की काठगोदाम- भीमताल, ध्यानाचुली- मोरनोला- खेतीखान- लोहाघाट- पंचेश्चर मोटर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित करने का अनुरोध किया. साथ ही मानसखंड मंदिर माला परियोजना के तहत मानसखंड मंदिरों को जोड़ने वाले 20 मार्गों के लिए एक हजार करोड़ रूपये की स्वीकृति देने का भी अनुरोध किया. वहीं, सीएम धामी ने कहा कि राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले पर्यटकों को मानसखंड मंदिर माला के दर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गढ़वाल और कुमायूं को जोड़ने वाले मार्गों का उच्चीकरण किया जाना बेहद जरूरी है.
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5 साल में GSDP को दोगुना करने का लक्ष्य:सीएम धामी ने कहा कि राज्य के तेजी से विकास के रोडमैप में अगले 5 सालों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य के आधारभूत ढांचे में बड़ी वृद्धि किया जाना प्रस्तावित है. जिससे राज्य में औद्योगिकीकरण, सेवा क्षेत्र जिसमें पर्यटन से जुड़ा आधारभूत स्ट्रक्चर मुख्य है. कृषि एवं वानिकी और शिक्षा के क्षेत्रों में मुख्य रूप से निवेश आकर्षित किया जाना प्रस्तावित है, जिस कारण आने वाले समय में विद्युत की मांग में तेज वृद्धि होने की संभावना है. ऐसे में राज्य में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में पर्यावरण कारणों से हो रहे देरी के चलते, राज्य में विद्युत की मांग और उत्पादन में अंतर बढ़ता जा रहा है.

ऐसे में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि राज्य को केंद्रीय पूल के कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत स्थायी रूप से आवंटित किया जाए. इसके अलावा, पिथौरागढ़ क्षेत्र की धौलीगंगा और गौरी गंगा क्षेत्र में बहने वाली नदियां, राज्य में बहने वाली गंगा और उसकी सहायक नदियों से अलग हैं. ऐसे में इस क्षेत्र की जल विद्युत परियोजनाओं, बौकांग बेलिंग (330 मेगावाट) और सेलाउर्थिग (202 मेगावाट) को स्वीकृति दी जाए.

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