देहरादून:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा की. इस दौरान संबंधित विभाग के अधिकारियों ने सीएम को विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी दी. बैठक में सीएम धामी ने सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग के एकीकरण की कार्य योजना तैयार कर इस संबंध में शीघ्र प्रस्ताव कैबिनेट में रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए.
मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित जमरानी एवं सौंग बांध के निर्माण के प्रयासों में तेजी लाए जाने, ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिये छोटे-छोटे बांध एवं चेकडैम के निर्माण की कार्य योजना बनाये जाने, सिंचाई एवं बाढ़ सुरक्षा कार्यों में बदलते समय के अनुरूप आधुनिक तकनीक का उपयोग किये जाने तथा बैराज एवं नहरों में जमा सिल्ट सफाई की व्यवस्था करने के साथ ही प्रदेश में ग्राउंड वाटर रिसोर्स की स्टडी किये जाने के निर्देश दिये.
मुख्यमंत्री ने विभागों द्वारा संचालित योजनाओं के निर्माण की प्रगति की मॉनिटरिंग के लिए पोर्टल तैयार करने के भी निर्देश दिये. इससे योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी उपलब्ध होगी. उन्होंने योजनाओं की जीओ टैगिंग की भी व्यवस्था बनाने को कहा है. मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं बाढ़ सुरक्षा आदि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये वन भूमि हस्तान्तरण प्रक्रिया का भी सरलीकरण करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि जन संसाधनों का प्रदेश हित में कैसे बेहतर उपयोग हो सके, इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए. राज्य में संचालित सिंचाई योजनाओं के स्वामित्व आदि के संबंध में भी प्रभावी प्रयास किये जाने की मुख्यमंत्री ने जरूरत बताई, वहीं इस संबंध में आपसी समन्वय पर भी ध्यान देने को कहा.
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मुख्यमंत्री ने सिंचाई निर्माण निगम के माध्यम से निर्माण कार्यों में तेजी लाये जाने, विभाग में उपलब्ध मानव संसाधनों का शत प्रतिशत उपयोग करने, सिंचाई एवं लघु सिंचाई की मैदानी एवं पर्वतीय क्षेत्रों के लिये अलग-अलग नीति के अनुरूप योजनाओं को क्रियान्वयन के भी निर्देश दिए. उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में ड्रिप इरिगेशन की योजना संचालित करने की भी बात कही. सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष मुकेश मोहन ने सिंचाई विभाग के कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 3051 नहरों, 1700 नलकूपों एवं 268 लघु नहरों के द्वारा गत वर्ष खरीफ फसल में 1.638 हेक्टेयर तथा रबी फसल में 1.593 लाख हेक्टेयर सींच दर्ज की गई है. राज्य में कुल 1282 बाढ़ सुरक्षा योजनायें संचालित हैं. प्रदेश में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में चरणबद्ध ढंग से बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण की योजना क्रियान्वित की गई है.
उन्होंने बताया कि हल्द्वानी से 10 किमी अपस्ट्रीम में 2584 करोड़ लागत की जमरानी बांध परियोजना का कार्य उत्तराखंड परियोजना विकास एवं निर्माण निगम के अंतर्गत गठित पीआईयू के माध्यम से किया जाना प्रस्तावित है. इस बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण के अंतर्गत 150.60 मीटर ऊंचा रोलर कम्पेक्ड कंक्रीट ग्रेविटी बांध निर्मित किया जायेगा. जिसमें 14 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होगा. वहीं उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में 150027 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी. जबकि सौंग बांध मालदेवता से लगभग 10 किमी दूर सौंग नदी पर प्रस्तावित है. इस पर 130.60 मीटर ऊंचा बांध व 12.40 किमी लंबी पाइप लाइन का निर्माण होगा. जिसकी लागत 1580.25 करोड़ है. इससे देहरादून की 2053 तक की आबादी को पेयजल आपूर्ति हो सकेगी.
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लघु सिंचाई के विभागाध्यक्ष वीके तिवारी ने विभाग की कार्य योजना की जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा राज्य के पर्वतीय व मैदानी इलाकों में सोलर पंप सेटों, सिंचाई हेतु सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली, स्प्रिंकलर/ड्रिप की स्थापना, भूजल सुधार हेतु रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण, आर्रिजन कूपों के निर्माण के साथ ही प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान एवं महाअभियान (KUSUM) के अंतर्गत डीजल चालित पंपसेटों को सोलर पंप सेटों में परिवर्तित करने की योजना प्रस्तावित है.