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नए वित्तीय वर्ष में CM धामी ने राजस्व बढ़ाने पर दिया जोर, विभागों के लक्ष्य प्राप्ति की होगी समीक्षा

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Published : Apr 1, 2023, 5:36 PM IST

आज एक अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो चुकी है. नया वित्तिय वर्ष के पहले दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक और इस साल के एजेंडे पर चर्चा की. साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का फोकस प्रदेश का राजस्व बढ़ाने पर है.

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देहरादून: उत्तराखंड को साल 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाए जाने को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए तमाम विभागों के लक्ष्य भी निर्धारित किए गए हैं. सशक्त उत्तराखंड @25 को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में तमाम विभागों की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सीएम धामी ने राज्य के समग्र विकास के लिए आगामी रणनीतियों को लेकर अधिकारियों को तमाम दिशा निर्देश भी दिए.

वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों के लक्ष्य प्राप्ति के लिए धरातल पर किए गए कार्यों और भविष्य की कार्य योजना को लेकर नियमित समीक्षा की जाएगी. साल 2025 के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, उसके तहत किए जा रहे कार्य और उनको तय समय पर पूरा किए जाने को लेकर विशेष ध्यान दिया जाए. इसके साथ ही जिन क्षेत्रों से राज्यों को राजस्व वृद्धि की संभावना है, उन उन क्षेत्रों को प्राथमिकता पर रखा जाए.
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इसके अलावा सीएम धामी ने सभी विभाग को निर्देश दिए कि दीर्घकालिक और अल्पकालिक कार्य योजना के साथ कार्यों को धरातल पर उतारे. इसके लिए सभी विभाग आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें और 2025 तक राज्य के लिए क्या कुछ बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं, इस पर भी विभाग को ध्यान देने की जरूरत है.

सीएम ने कहा कि एक अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो चुका है. ऐसे में सभी विभाग 31 मार्च 2024 तक की कार्य योजना लक्ष्य और राजस्व वृद्धि के लिए विभाग क्या प्रयास कर रहे हैं, इसकी भी नियमित समीक्षा की जाएगी. हालांकि राज्य के पर्वतीय जिलों की आय बढ़ाने के लिए इन क्षेत्र के लोगों की आजीविका में सुधार लाए जाने को लेकर और अधिक प्रयास करने की जरूरत है.

इसके अलावा राज्य के लोगों की आजीविका बढ़ाए जाने के साथ ही राजस्व वृद्धि के लिए जो कार्य योजना तैयार की गई है, उस कार्य योजना के तहत कार्य किए जाए और सेक्टरवार इन कार्यों में तेजी लाई जाए. बैठक के दौरान सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन, उद्योग, उद्यान और कृषि के क्षेत्र में कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं. लिहाजा इन क्षेत्रों में समय अवधि की कार्य योजना के साथ ही 2030 तक क्या और बेहतर किया जा सकता है. इस ओर तेज गति से कार्य किया जाना चाहिए, जिससे न सिर्फ राज्य के लोगों के लिए रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे बल्कि राज्य की जीडीपी में भी वृद्धि होगी.
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साथ ही सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है, लिहाजा स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए. मुख्य रूप से सेब और कीवी मिशन पर तेजी से कार्य किए जाएं. इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्रों में एरोमेटिक प्लांट की खेती को भी बढ़ावा दिया जाए.

साथ ही सीएम ने कहा कि कुमाऊं क्षेत्र में कुछ ऐसे नए पर्यटक और धार्मिक स्थल विकसित किए जाएं, जिनका चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु गढ़वाल के साथ कुमाऊं के नैसर्गिक सौंदर्य का भी लुफ्त उठा सकें. इसके अलावा पर्यटन की दृष्टि से तमाम सर्किटों के माध्यम से संपूर्ण उत्तराखंड को जोड़ने को लेकर सीएम ने निर्देश दिए हैं. साथ ही प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में भी अपार संभावना है. लिहाजा उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन के नए स्थलों को विकसित करने की ओर न सिर्फ तेजी से कार्य किया जाए, बल्कि जिन स्थलों पर साहसिक गतिविधियां हो रही है उनको और अधिक विकसित करने की दिशा में ध्यान दिया जाए.

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा संस्थानों में डिग्री कोर्स इसके साथ ही कौशल विकास से संबंधित डिप्लोमा कोर्स को भी संचालित किए जाने पर ध्यान दिया जाए. इसके अलावा राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के लिए नीतियों को सरल किए जाने कि और भी विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है.

यही नहीं युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण दिए जाने को लेकर सीएम धामी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जिन क्षेत्रों में स्किल्ड मानव संसाधन की मांग बढ़ रही है, ऐसे क्षेत्रों में प्रदेश के युवाओं के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्थाएं भी की जाएं. बैठक के दौरान अधिकारियों ने विस्तृत रूप से जानकारियां सीएम धामी को उपलब्ध कराई. जिसके तहत राज्य में पर्यटन क्षेत्र में साल 2030 तक तमाम गतिविधियों पर आधारित कार्य किए जाएंगे.

इसके अलावा उत्तराखंड में हर साल एक करोड़ पर्यटक और श्रद्धालु आए इसके लिए व्यापक कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है. इससे राज्य में करीब पांच लाख लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. साल 2030 तक सेब के उत्पादन को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने 1500 से 2000 करोड़ की अतिरिक्त निवेश का लक्ष्य रखा है, जिससे 2500 करोड़ की अतिरिक्त जीडीपी बढ़ने का अनुमान है, इससे लगभग 30 हजार किसानों की आय को 10 गुना तक वृद्धि का लक्ष्य रखा है.

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