'मेरी माटी मेरा देश' कार्यक्रम के तहत सीएम धामी ने दिखाई अमृत कलश यात्रा को हरी झंडी. देहरादूनःदिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर 31 अक्टूबर को 'मेरी माटी मेरा देश' कार्यक्रम के अंतिम चरण का कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. इसी क्रम में प्रदेश भर के तमाम हिस्सों से एकत्र की गई मिट्टी को प्रदेश के करीब 192 लोग इस अमृत कलश को बस के माध्यम से दिल्ली लेकर जाएंगे. इसके चलते देहरादून में राज्य स्तरीय अमृत कलश यात्रा के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आयोजित कार्यक्रम में सीएम धामी ने राज्य स्तरीय अमृत कलश यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
'मेरी माटी मेरा देश' कार्यक्रम को राष्ट्रव्यापी अभियान के रूप में मनाया जा रहा है, जिसके तहत देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले 'वीरों' को सम्मानित किया जा रहा है. इस अभियान के तहत देशभर के 4419 ब्लॉकों में कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम के दौरान देश के हर कोने से मिट्टी एकत्र की गई, जिसे एक कलश में रखकर 'आजादी का अमृत महोत्सव' के समापन यानी 31 अक्टूबर को अमृत वाटिका और अमृत महोत्सव स्मारक में स्थापित किया जाएगा.
वहीं, सीएम धामी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, देश के अंदर जितने भी अभियान चलते हैं वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू किये गये हैं. इसी क्रम में 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान शुरू किया गया. यह कलश यात्रा हमारे शहीदों के स्मरण के लिए चलाई जा रही है. इस यात्रा के तहत अमर शहीदों के पावन भूमि की मिट्टी कर्तव्य पथ पर पहुंचाई जा रही है. 7500 कलशों के जरिए देश के तमाम हिस्से से दिल्ली पहुंचने वाली मिट्टी को अमृत वाटिका और अमृत महोत्सव स्मारक में स्थापित किया जाएगा.
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सीएम धामी ने कहा कि देश भक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है. जब भी सैनिकों से जुड़े इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होता हूं तो उस दौरान उन बलिदानियों को यादकर आंखें नम हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि पीएम के नेतृत्व में सेना मजबूत हो रही है. यही नहीं, केंद्र सरकार सेना के आधुनिकीकरण पर जोर दे रही है. साथ ही शहीदों के परिवारों को भी तमाम सुविधाएं मुहैया करा रही है. अब सेना को किसी भी गोली का जवाब देने के लिए किसी की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. लिहाजा, अब सेना गोली का जवाब गोलों से दे रही है. साथ ही कहा कि उत्तराखंड के वीरता से सम्मानित सैनिकों के अनुदान राशि को बढ़ाया गया है.