देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami ) ने नाबार्ड द्वारा आयोजित 'स्टेट क्रेडिट सेमिनार' कार्यक्रम में शिरकत की. साथ ही सीएम धामी ने फोकस पेपर का विमोचन किया. इस मौके पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के विकास में नाबार्ड का महत्वपूर्ण योगदान है. आधारभूत संरचना से संबंधित योजनाओं के माध्यम से सड़कों, भंडारण व्यवस्था, पेयजल, सिंचाई आदि में सुधार हुआ है.
इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य की विकास यात्रा हम सभी की सामूहिक यात्रा है. इसमें सभी को पूरी तत्परता से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना है. 'स्टेट क्रेडिट सेमिनार' में बतौर मुख्य अतिथि सीएम ने शिरकत करते हुए कहा कि उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने में नाबार्ड का महत्वपूर्ण सहयोग रहेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से वर्ष 2025 में उत्तराखंड को प्रत्येक क्षेत्र में श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास में नाबार्ड का महत्वपूर्ण योगदान है. आधारभूत संरचना से संबंधित योजनाओं के माध्यम से सड़कों, भंडारण व्यवस्था, पेयजल, सिंचाई आदि में सुधार हुआ है. विशेष रूप से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को मजबूत करने और महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आजीविका सृजन कर महिला सशक्तिकरण में भी नाबार्ड का योगदान रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2025 में उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है. इसे हम सभी को मिलकर पूरा करना है. वहीं विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और प्रबुद्ध लोगों के साथ संवाद किया जा रहा है. साथ ही सभी विभागों से अगले 10 वर्षों का रोडमैप भी लिया जा रहा है. इसके आधार पर राज्य के विकास की रूपरेखा बनाई जाएगी. हमारी विकास नीति का लक्ष्य अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाना है.
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छोटे किसानों और आम व्यक्ति को योजनाओं का लाभ मिले. खेती, बागवानी, उद्योगों में नवाचार की जरूरत है. नई तकनीक को अपनाना होगा, बेस्ट प्रैक्टिसेज का समावेश करना है. होम स्टे इसी प्रकार की बेस्ट प्रैक्टिस है. इससे एक ओर हमारे युवाओं को रोजगार मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर देश विदेश के लोग उत्तराखंड की संस्कृति से परिचित हो रहे हैं. होमस्टे इकोलाॅजी और इकोनाॅमी दोनों में समन्वय का अच्छा उदाहरण है.
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक अरुण प्रताप दास ने कहा कि नाबार्ड, ग्रामीण समृद्धि सुनिश्चित करने के अपने जनादेश के अनुरूप कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सभी हितधारकों को शामिल करते हुए सहभागी बनाकर हर साल देश के प्रत्येक जिले के लिए संभावित लिंक्ड क्रेडिट प्लान (पीएलपी) तैयार करता है. पीएलपी राज्य के प्रत्येक जिले के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के भीतर कृषि, संबद्ध और अन्य क्षेत्रों में ऋण क्षमता का अनुमान प्रदान करती है.
ये अनुमान जिला स्तर पर अग्रणी बैंकों और राज्य स्तर पर एसएलबीसी के लिए वार्षिक ऋण योजना (एसीपी) तैयार करने के लिए एक आधार के रूप में भी काम करते हैं. जिसमें सभी जिलों की संभावनाओं और अनुमानों को समग्र रूप से राज्य के लिए एक समेकित दस्तावेज में शामिल किया गया है. वर्ष 2022-23 के लिए राज्य फोकस पेपर में उत्तराखंड राज्य में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए कुल ऋण क्षमता 28 हजार 528 करोड़ का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष के क्रेडिट योजना की तुलना में 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.