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उत्तराखंड में वन्यजीवों से फसलों की होगी सुरक्षा, फेंसिंग के लिए ₹130 करोड़ की जाएगी व्यवस्था

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ग्राम्य विकास विभाग की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि पर्वतीय जिलों में खेती एवं बागवानी की फेंसिंग के लिए 130 करोड़ रुपए की धनराशि की व्यवस्था की जाएगी. माना जा रहा है कि फेंसिंग की व्यवस्था से कुछ हद तक फसलों को वन्यजीवों से बचाया जा सकेगा. वहीं, सीएम धामी ने आजीविका दर्पण त्रैमासिक पत्रिका का विमोचन भी किया.

CM Pushkar Dhami held Rural Development meeting
सचिवालय में ग्राम्य विकास विभाग की बैठक

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Published : Jan 6, 2023, 8:08 PM IST

देहरादूनःउत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में जंगली जानवरों का आतंक बरकरार है. जंगली जानवर खेती और बागवानी को नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिससे किसान काफी परेशान हैं. इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए सरकार पर्वतीय जिलों में फेंसिंग की व्यवस्था करने जा रही है. इसके लिए 130 करोड़ रुपए की धनराशि की व्यवस्था की (Budget for Fencing in Uttarakhand) जाएगी. जिससे फसलों को वन्‍यजीवों से बचाया जा सके.

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में ग्राम्य विकास विभाग की बैठक की. बैठक में सीएम धामी ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के विस्तारीकरण के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना (Mukhyamantri Gram Sadak Yojana) शुरू की जाएगी. प्रधानमंत्री वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की तरह मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत नेपाल बॉर्डर के कुछ गांवों को चिन्हित कर विकसित किया जाएगा. पीएम वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत राज्य के चीन की सीमा से लगे चार ग्राम नीति, माणा, मलारी और गूंजी चिन्हित किए गए हैं. वहीं, सीएम धामी ने आजीविका दर्पण त्रैमासिक पत्रिका का विमोचन भी किया.

1200 नए अमृत सरोवर बनाए जाएंगेःमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि अमृत सरोवर योजना के तहत अब 1200 नए अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य मिला है. इनसे लोगों की आजीविका को कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस पर भी ध्यान दिया जाए. साथ ही इसे मत्स्य पालन से भी जोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि पशुबाड़ के तहत लाभार्थियों को जो 48 हजार रुपए की धनराशि दी जा रही है, उसे बढ़ाने के लिए जल्द प्रस्ताव लाया जाए. कृषि, बागवानी एवं पशुपालन को राज्य में और तेजी से बढ़ावा दिया जाए. सेब एवं कीवी पर मिशन मोड में कार्य किया जाए. इसकी खुद मुख्यमंत्री प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा करेंगे.

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में बागवानी को बढ़ावा देकर लोगों की आर्थिकी में तेजी से बढ़ाने के प्रयास किए जाए. राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी उचित ऑनलाइन मार्केटिंग की व्यवस्था करने को कहा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लक्ष्य के सापेक्ष अवशेष आवास निर्माण कार्यों में तेजी से कार्य हो यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

पर्वतीय शैली में बनाए जाएंगे भवनःराज्य सरकार के लक्ष्य के अनुसार वर्ष 2025 तक समूहों की 1.25 लाख महिला सदस्यों को लखपति दीदी (Mukhyamantri Lakhpati Didi Yojana) बनाने के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य करने पर भी उन्होंने बल दिया. सीएम धामी ने कहा कि विभिन्न विभागों एवं कार्यदायी संस्थाओं की ओर से जो भवन बनाए जा रहे हैं, उनको पर्वतीय शैली में बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाए. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अभी तक जिनका मुआवजा भुगतान नहीं हुआ है, वो जल्द किया जाए.

आधार सीडिंग में पहले नंबर पर उत्तराखंडःवहीं, बैठक में जानकारी दी गई कि केंद्र पोषित योजनाओं में मनरेगा के तहत अमृत सरोवर योजना, आधार सीडिंग में उत्तराखंड राष्ट्रीय स्तर पर पहले एवं ससमय भुगतान में तृतीय स्थान पर है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत उत्तराखंड बजट आवंटन/स्वीकृति, रिवाल्विंग फंड और सामुदायिक निवेश निधि (RF & CIF) में प्रथम स्थान एवं लखपति दीदी सर्वे में द्वितीय स्थान पर है. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत भी उत्तराखंड देश में पांचवें स्थान पर है.

इसके अलावा बैठक में बताया गया कि बीते पांच सालों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्य में 5,838 करोड़ की लगात से 11,621 किमी मार्गों का निर्माण किया गया है. जबकि, 875 बसावटें संयोजित की गई. उत्तराखंड राज्य स्थापना से 2017 तक राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 3,994 करोड़ रुपए की लागत से 10,243 किमी के कुल 1310 कार्य स्वीकृत हुए. जबकि, 955 बसावटें संयोजित की गई. वहीं, साल 2017 से अब तक राज्य में 6,375 करोड़ रुपए की लागत से 10,034 किमी के कुल 1468 कार्य स्वीकृत हुए हैं. जिसमें 875 बसावटें संयोजित की गई.

वहीं, बीते 5 सालों में मनरेगा के तहत प्रतिवर्ष 5.5 लाख परिवारों को रोजगार से जोड़ा गया. 56 प्रतिशत रोजगार महिलाओं को दिया गया. आजीविका पैकेज के अंतर्गत 13,500 परिवारों को आजीविका संसाधनों से जोड़ा गया. दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बीते 5 सालों में 3.49 लाख परिवारों के 52,613 समूहों में संगठित किया गया. वहीं, 38,882 समूहों को रिवाल्विंग फंड, 23,952 समूहों को सीआईएफ की धनराशि वितरित की गई. जबकि, 29,289 समूह सदस्यों को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया.
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