देहरादून:केदारनाथ में कथित रूप से श्रद्धालुओं के साथ हुई अभद्रता पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संज्ञान लिया है. इस मामले के सामने आने के बाद सीएम ने रुद्रप्रयाग डीएम मंगेश घिल्डियाल को जांच के आदेश दिये हैं. सीएम ने ट्वीट कर कहा है कि चारधाम यात्रा में उत्तराखंड पुलिस द्वारा बेहतर इंतजाम किए गए हैं, फिर भी किसी श्रद्धालु के साथ किसी तरह का अभद्र बर्ताव हमारी संस्कृति के खिलाफ है. इसकी जांच की जाएगी.
दरअसल, केदारनाथ में कन्याओं के साथ बदसलूकी का एक वीडियो सामने आया है. वीडियो में नजर आ रहा है कि केदारनाथ धाम में मित्र पुलिस के जवान यात्रियों के साथ बदसलूखी, मारपीट और गाली-गलौज कर रहे हैं. यहां तक कि धाम में दर्शन करने आ रही महिलाओं और बच्चियों को भी खाकी वर्दी में तैनात इन जवानों की दरिंदगी का सामना करना पड़ रहा है. मित्र पुलिस की इस काली करतूत से श्रद्धालुओं में आक्रोश बना हुआ है.
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तीर्थयात्रियों ने लगाया आरोप
केदारनाथ मंदिर में जल चढ़ाने गये तीर्थयात्रियों का आरोप है कि मित्र पुलिस के जवानों ने उनके साथ दादागिरी करते हुए मारपीट की है. आरोप है कि पुलिस जवान मंदिर से घसीटकर श्रद्धालुओं को बाहर लाये और फिर उनके साथ हाथापाई की. बच्चियों को रोता देख आस-पास के तीर्थ पुरोहित आए और पूरी घटना की जानकारी ली.
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यही नहीं, तीर्थ पुरोहित बताते हैं कि केदारनाथ धाम में मित्र पुलिस का काम सिर्फ पैसे वसूलने तक सीमित रह गया है. यात्रियों के साथ मारपीट और बदसलूखी आम बात हो गई है. वे बताते हैं कि केदारनाथ में पुलिस के जवान वीआईपी ड्यूटी के नाम पर पैसे वसूल रहे हैं. यात्रियों को घसीटकर मारा जा रहा है. जिससे देश-विदेश में केदारनाथ धाम की छवि लगातार खराब हो रही है.
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इस मामले में पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने सफाई देते हुये कहा था कि कुछ तीर्थयात्री मंदिर के भीतर जल चढ़ाने में समय लगा रहे थे. ऐसे में पुलिस के जवानों ने उन्हें जल्दी पूजा करके बाहर आने का निवेदन किया लेकिन एक तीर्थयात्री ने पुलिस जवान का कॉलर पकड़ लिया. उन्होंने कहा कि पुलिस जवान की ओर से मंदिर के भीतर बढ़ती भीड़ को संभालने का कार्य किया जा रहा था लेकिन कुछ यात्री अव्यवस्था फैलाने में लगे थे. ऐसे में उन्हें बाहर लाया गया तो वे पुलिस पर ही आरोप लगाने लगे.