देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज सीएम आवास में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के संबंध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने निजी अस्पतालों की भूमिका को अहम मानते हुए उनके सहयोग की अपेक्षा की. बैठक में सीएम ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए राज्य सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. इसमें प्राइवेट चिकित्सा संस्थानों का सहयोग बहुत जरूरी है. फिलहाल दून अस्पताल, महंत इंद्रेश अस्पताल, एम्स ऋषिकेश और हिमालयन अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए बेड आरक्षित किए गए हैं और अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा ही कोरोना वायरस के मरीजों की देखभाल की जा रही है.
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सीएम रावत ने IMA के साथ बातचीत में कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए अन्य निजी अस्पतालों की जिम्मेदारी बढ गई है. इसलिए सभी निजी अस्पताल और नर्सिंग होम ओपीडी सेवाएं खुली रखें. ताकि आमजन अन्य बिमारियों की दशा में अपना इलाज आसानी से करा सकें. सरकार निजी चिकित्सा संस्थानों को हर प्रकार की सहायता देगी. मुख्यमंत्री ने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि निजी अस्पतालों में ओपीडी की व्यवस्था सही रखने में सहयोग करें. मेडिकल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि कोरोना से लङाई में सरकार का पूरा सहयोग किया जाएगा. लड़ाई केवल सरकार की नहीं पूरे देश और समाज की है.
एम्स ऋषिकेश, हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट, दून अस्पताल और महंत इंद्रेश अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए अलग से व्यवस्था की जा रही है. अस्पतालों के आवश्यकता अनुसार स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है. इनमें कोरोना के मरीजों के लिए बेड आरक्षित किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल में 400-400 बेड कोरोना वायरस के मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है.
हिमालयन अस्पताल और महंत इंद्रेश अस्पताल में 200-200 बेड उपलब्ध हैं. जरूरत पङने पर दोनों अस्पतालों में बेड की संख्या को बढ़ाया जा सकता है. वहीं, आर्मी अस्पताल देहरादून में भी 200 बेड की व्यवस्था रहेगी. इन अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर की संख्या भी आवश्यकता होने पर बढ़ाई जाएगी. एम्स ऋषिकेश और हिमालयन अस्पताल के लिए आईपीएस नीरू गर्ग और दून अस्पताल, महंत इंद्रेश अस्पताल के लिए आईपीएस केवल खुराना को नोडल अधिकारी बनाया गया है.