उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

CM के फिल्मी स्टाइल में छापे, कहीं 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारी तो नहीं - सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गढ़वाल कमिश्नर कार्यालय का सरप्राइज निरीक्षण किया. मौके पर कमिश्नर भी नहीं मिले. कुछ फाइलों के निरीक्षण के लिए ऑफिस का ताला तक तोड़ना पड़ा. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम आगामी चुनाव की तैयारी कर रहे हैं.

Dehradun Garhwal Commissionary
Dehradun Garhwal Commissionary

By

Published : Jan 19, 2021, 6:14 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के फिल्मी स्टाइल की चर्चाएं आज पूरे प्रदेश में हैं. आखिर चार साल बाद मुख्यमंत्री ने ऐसे अचानक किसी कार्यालय का निरीक्षण क्यों किया. इसके पीछे क्या वजह है ? आज से पहले ऐसा क्यों नहीं हुआ. यह भी एक सवाल है.

मुख्यमंत्री के फिल्मी स्टाइल में छापे के कई मायने.

बता दें, मुख्यमंत्री ने मंगलवार को देहरादून सर्वे चौक स्थित गढ़वाल कमिश्नर के कार्यालय पर अचानक पहुंचकर जितना कमिश्नरी में काम कर रहे लोगों को चौंकाया है, उतना ही राज्य के अन्य लोग भी इस घटना के बाद आश्चर्य चकित हैं. पूरे दिन जिसे भी इस अप्रत्याशित घटना की जानकारी मिली वह यह सोचता रहा कि आखिर ऐसा क्या हुआ ? क्या किसी ने कोई शिकायत की है या फिर मुख्यमंत्री को कुछ अनियमितता की सूचना मिली है.

शाम होने तक मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी किये गए बयान और कुछ तस्वीरों से काफी हद तक साफ हो गया कि यह केवल एक औचक निरीक्षण ही था. जैसा कि अमूमन मौजूदा दौर की राजनीति में देखा जा रहा है, जिसमें दिल्ली की आम आदमी पार्टी सबसे आगे है. आपने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के इस तरह के वीडियो जरूर सोशल मीडिया पर देखे होंगे.

पढ़ें- गढ़वाल कमिश्नर ऑफिस में CM की छापेमारी, फाइलें देखने के लिए तोड़ना पड़ा ताला

बहरहाल, शाम को मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी किये गए बयान में इस निरीक्षण को लेकर कुछ बातें कही गईं. कार्यालय में उपस्थिति में लापरवाही, फाइलों में लेटलतीफी इत्यादि. यह आलम कमिश्नरी में नहीं बल्कि आप पब्लिक सेक्टर से जुड़े किसी भी कार्यालय में चले जाइए आपको इसी तरह के हलात नजर आएंगे.

मौजूदा सरकार की ही बात करें तो इस तरह के हालात पिछले चार सालों से सभी कार्यालयों के हैं. लेकिन आज तक सीएम साहब ने ये हिम्मत नहीं जुटाई. खैर सीएम ने देर में ही सही हिम्मत तो जुटाई और इससे कम से कम पब्लिक सेक्टर से जुड़े कार्यालयों पर कुछ तो असर पड़ेगा. मुख्यमंत्री के इस औचक निरीक्षण और उसके बाद की गई कार्रवाई से अधिकारियों में यह डर तो आएगा कि सीएम साहब कभी भी कहीं भी धमक सकते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details