देहरादून: जोशीमठ में भू धंसाव (joshimath landslide) शहरवासियों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. दिनों-दिन दरारें बढ़ रही हैं, जिस कारण लोगों का जीना दूभर हो गया है. कई लोगों ने अपने घर छोड़ दिए हैं और अन्य शहरों में पलायन कर लिया है. वहीं वैज्ञानिकों की टीम ने शहर का अध्ययन कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी है, जिसके बाद रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है. वहीं शहर को बचाने की दिशा में सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) जोशीमठ का मौका मुआयना करेंगे और शहर को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे.
गौर हो कि उत्तराखंड राज्य के जोशीमठ शहर में भू धंसाव का सिलसिला जारी है. जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने वैज्ञानिकों की टीम को स्थलीय निरीक्षण (Joshimath Landslide Geological Study) करने के लिए जोशीमठ शहर में भेजा था. रिपोर्ट में जोशीमठ शहर में दरारें क्यों पड़ रही हैं, इसके अलावा घरों में लगातार दरारें क्यों बढ़ रही हैं, इसका अध्ययन किया गया. लिहाजा अब वैज्ञानिकों की टीम ने फाइनल रिपोर्ट तैयार कर शासन और सरकार को सौंप दी है.
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रिपोर्ट सौंपने के बाद अब शासन स्तर पर अध्ययन किया जा रहा है कि आखिर जोशीमठ शहर को बचाने के लिए क्या कुछ कदम उठाए जा सकते हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा सचिव को इस संदर्भ में निर्देश दे दिए हैं कि वह भी जोशीमठ शहर में जाकर जमीनी निरीक्षण करें. वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद भी जोशीमठ शहर जाने वाले हैं जो ना सिर्फ वहां का स्थलीय निरीक्षण करेंगे, बल्कि जोशीमठ शहर को किस तरह से बचाया जा सके, राहत बचाव के लिए क्या किया जाना चाहिए, इन तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे.
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बहरहाल, आज शाम सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है. जिसमें जोशीमठ शहर की स्थिति को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ के हालात पर नजर बनाए हुए हैं. आपदा प्रबंधन के सचिव समेत अन्य अधिकारी जोशीमठ में कैंप कर रहे हैं. इसके साथ ही रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है. जोशीमठ को बचाने के लिए सभी कार्य और सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं. लिहाजा वह भी जोशीमठ शहर का धरातलीय निरीक्षण करेंगे. जिससे इस ऐतिहासिक शहर को बचाया जा सके.