देहरादून:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को दून विश्वविद्यालय परिसर में बने डॉक्टर नित्यानंद हिमालय शोध एवं अध्ययन केंद्र का लोकार्पण किया. इस मौके पर सीएम धामी ने चारधाम यात्रा की मौजूदा व्यवस्थाओं को लेकर कहा है कि इस साल चारधाम यात्रा पर सरकार की सोच से परे यात्री पहुंचे हैं. आलम ये है कि चारधामों धामों में यात्रियों के लिए पैर रखने तक की जगह नहीं है. ऐसे में चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से चलाना बहुत बड़ी चुनौती साबित हो रही है.
यात्रा को व्यवस्थित तरीके के चलाना चुनौतीपूर्ण: सीएम धामी ने कहा कि 5 नवंबर 2021 को उत्तराखंड दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ये दशक उत्तराखंड का होगा. केदारनाथ धाम की भूमि से पीएम मोदी के इस बयान ने लोगों को उत्तराखंड आने के लिए प्रेरित किया है. यही कारण है कि आज विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा समेत अन्य तीर्थ स्थलों और पर्यटन स्थलों में पैर रखने तक की जगह नहीं है. ऐसे में सरकार के सामने चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से चलाना चुनौती पूर्ण साबित हो रहा है. सरकार का मकसद है कि जो भी तीर्थ यात्री और पर्यटक उत्तराखंड आए वो यहां से सुरक्षित लौटकर जाए. उनकी यात्रा सरल और सुगम हो, उसके लिए सरकार लगातार काम कर रही है.
पांच गुना ज्यादा तादाद में आए यात्री: यारधाम यात्रियों के लिए सरकार ने रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू की लेकिन सरकार को यह आभास नहीं हो पाया कि चारधाम यात्रा पर इतनी बड़ी तादात में यात्री आएंगे. सीएम ने कहा कि पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार तीर्थ यात्रियों संख्या पांच गुना ज्यादा है. जिस दिन बाबा केदार के कपाट खुले, वहां 15-16 हजार यात्रियों के रुकने की व्यवस्था थी. लेकिन उस रात 22-23 हजार तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंच गए. ऐसे में सरकार ने जीरो डिग्री से नीचे तापमान यात्रियों को व्यवस्थित किया.
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