ऋषिकेश एम्स पहुंचे सीएम धामी ऋषिकेश:चमोली नमामि गंगे प्रोजेक्ट हादसे में घायल 6 लोगों को ऋषिकेश एम्स में भर्ती किया गया है. सभी घायलों को अगले 12 घंटे तक वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम की निगरानी में आब्जर्वेशन में रखा जाएगा. एम्स अस्पताल प्रबंधन ने घायलों के बेहतर इलाज के लिए ट्रामा सर्जन, डॉक्टरों सहित, इमरजेंसी मेडिसिन और बर्न और प्लास्टिक विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित की है. इसी बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी घायलों का हालचाल जानने ऋषिकेश एम्स पहुंचे. इस दौरान उनके साथ वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र प्रसाद भट्ट, ऋषिकेश मेयर अनिता ममगाईं और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे.
16 लोगों की हुई मौत:बता दें बुधवार सुबह चमोली के गोपेश्वर बाजार के पास अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर अचानक करंट फैलने से दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हैं. घायलों को दोपहर बाद हेली सेवा के जरिये एम्स ऋषिकेश लाया गया. करंट लगने से बुरी तरह झुलसे घायलों को उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश पहुंचाए जाने की सूचना पर एम्स अस्पताल प्रबंधन अलर्ट हो गया.
डॉक्टरों से घायलों के बारे में जानकारी लेते सीएम धामी.
गंभीर घायलों को एम्स लाया गया:दोपहर दो बजे के बाद हेली सेवा के जरिए घायलों का एम्स पहुंचना शुरू हुआ. घायलों के पहुंचते ही विभिन्न विभागों की चिकित्सकों की टीम ने घायलों का तत्काल इलाज शुरू किया. इलाज के लिए भर्ती किए गए घायलों में कुल 6 लोग शामिल हैं. इलाज करने वाली टीम में बर्न व प्लास्टिक विभाग के डॉक्टर विशाल मागो, ट्रॉमा विभाग के डॉक्टर मधुर उनियाल व डॉक्टर नीरज कुमार सहित अन्य विभागों के चिकित्सक शामिल हैं.
पढे़ं-Chamoli Current Accident: PMO ने हादसे पर जताया दुख, अमित शाह ने ली हालातों की जानकारी, ₹5 लाख मुआवजे का एलान
12 घंटे आब्जर्वेशन में रहेंगे घायल:ट्रॉमा विभाग सर्जन डॉक्टर मधुर उनियाल ने बताया घायलों में से- संदीप मेहरा (34 वर्ष) और सुशील (35 वर्ष) अभी पूरी तरह सेन्स में नहीं हैं, जबकि अन्य 4 घायलों आनंद कुमार 45 वर्ष, नरेंद्र लाल 35 वर्ष, रामचन्द्र 48 वर्ष और महेश कुमार 32 वर्ष भी करंट की चपेट में आने से बुरी तरह झुलसे हुए हैं. उन्होंने बताया सभी घायलों को ट्रॉमा इमरजेंसी के रेड जोन में भर्ती किया गया है. बर्न केस के मामले में अंदरूनी जख्मों की गम्भीरता के मामले में बिना जांच के कुछ कहा नहीं जा सकता. लिहाजा सभी मरीजों की सघन जांच की जा रही है. उसके बाद ही स्तिथि स्पष्ट हो पाएगी. इसलिए अगले 12 घंटे तक सभी को आब्जर्वेशन में रखा जाएगा.