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शारदीय नवरात्र पर सीएम धामी ने किया कन्या पूजन, BJP मुख्यालय पर भी महानवमी की धूम

आज शारदीय नवरात्रि की महानवमी है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर अपने आवास पर कन्या पूजन किया. सीएम ने इसके साथ ही बीजेपी मुख्यालय में आयोजत कन्या पूजन कार्यक्रम में भाग लिया. मुख्यमंत्री धामी ने महानवमी पर उत्तराखंड की सुख समृद्धि की कामना की.

shardiya navratri 2022
शारदीय नवरात्रि

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Published : Oct 4, 2022, 10:11 AM IST

देहरादून: शारदीय नवरात्र की नवमी के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने अपने आवास पर कन्या पूजन किया. इसके बाद सीएम पार्टी कार्यालय पहुंचे. पार्टी कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ कन्या पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को शारदीय नवरात्र की नवमी के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में विधि विधान से कन्या पूजन किया. उन्होंने नौ दुर्गा की प्रतीक नौ कन्याओं को भोजन कराया. मुख्यमंत्री ने निर्मल बुद्धि एवं अष्ट सिद्धियों की प्रदाता मां सिद्धिदात्री से प्रदेश एवं प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना भी की.

कन्या के पैर धोते सीएम धामी

अपने आवास पर कन्या पूजन करने के बाद सीएम धामी देहरादून के बलबीर रोड पर स्थित भाजपा मुख्यालय पहुंचे. बीजेपी मुख्यालय पर भी शारदीय नवरात्रि के अवसर पर कन्या पूजन कार्यक्रम आयोजित था. कन्या पूजन कार्य्रकम में सीएम धामी भी शामिल हुए. यहां भी मुख्यमंत्री धामी के साथ पार्टी के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओ ने उत्तराखंड की सुख समृद्धि की कामना की.

कन्या को भोजन कराते सीएम धामी

महानवमी हवन मुहूर्त: इस बार आश्विन शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 4 अक्टूबर मंगलवार को दिन में 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. तदुपरान्त दशमी तिथि प्रारम्भ हो जाएगी, जो कि 5 अक्टूबर बुधवार को दिन में 12 बजकर 01 मिनट तक रहेगी. महानवमी का व्रत 4 अक्टूबर मंगलवार को रखा जाएगा.

महानवमी पूजा विधि: महानवमी का व्रत (Maha Navami 2022) रखकर जगदम्बाजी की विधि विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की जाएगी. महानवमी तिथि के दिन बटुक व कुमारी पूजन का विधान है. नवरात्र व्रत का पारण- आश्विन शुक्लपक्ष की दशमी तिथि 5 अक्टूबर बुधवार को किया जाएगा. इस दिन श्रवण नक्षत्र 4 अक्टूबर, मंगलवार को रात्रि 10 बजकर 51 मिनट पर लगेगा जो कि 5 अक्टूबर बुधवार को रात्रि 9 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. विजया दशमी का पर्व इसी दिन मनाया जाएगा. इसी दिन अपराजिता देवी तथा शमी वृक्ष की पूजा होती है साथ ही शस्त्रों के पूजन का भी विधान है.
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विजया दशमी के दिन नीलकण्ठ पक्षी का दर्शन किया जाता है, उन्हें आजाद करवाया जाता है. ज्योतिष मान्यता है कि राशि रंग के अनुसार यदि पूजा-अर्चना की जाए तो विशेष लाभदायी रहती है.

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