देहरादून:लंबे संघर्ष के बाद जब 9 नवंबर सन् 2000 को पहाड़ के लोगों के लिए नया राज्य बना तो उसके पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी बनाए गए थे. नित्यानंद स्वामी 9 नवंबर 2000 से 29 अक्टूबर 2001 तक उत्तराखंड (तब उत्तरांचल नाम था) के मुख्यमंत्री रहे. आज पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी की पुण्यतिथि है. इस मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है.
सीएम धामी ने नित्यानंद स्वामी को श्रद्धांजलि दी:उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के पूर्व सीएम रहे नित्यानंद स्वामी को श्रद्धांजलि दी. सीएम धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा- 'भाजपा के वरिष्ठ नेता, देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. नित्यानंद स्वामी जी की पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन। राज्य के विकास हेतु आपके द्वारा दिया गया योगदान अविस्मरणीय है। विनम्र श्रद्धांजलि !'
ऋतु खंडूड़ी ने भी नित्यानंद स्वामी को याद किया:उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भी पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी को श्रद्धांजलि दी है. स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा- देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री नित्यानन्द स्वामी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत्-शत् नमन। || विनम्र श्रद्धांजलि ||
उत्तराखंड बीजेपी ने भी पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी है. बीजेपी संगठन के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा गया- उत्तराखंड के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. नित्यानंद स्वामी जी की पुण्यतिथि पर शत-शत नमन. उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी पूर्व सीएम नित्यानंद स्वामी को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने लिखा- उत्तराखंड के प्रथम मुख्यमंत्री स्व .नित्यानंद स्वामी जी की पुण्यतिथि पर सादर नमन।
गौरतलब है कि आज ही उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की माताजी की पुण्यतिथि है. भट्ट ने अपनी मां को भी श्रद्धांजलि दी. महेंद्र भट्ट ने लिखा- पूज्य माता जी की पुण्य तिथि पर शत शत नमन। मां का आर्शीवाद ही है,जो मैं आज अपने पैरों पर खड़ा हूं।
उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री थे नित्यानंद स्वामी:उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे नित्यानंद स्वामी का जन्म 27 दिसंबर 1927 को हरियाणा में हुआ था. उनके पिताजी भारतीय वानिकी संस्थान देहरादून में पोस्टेड थे. इसलिए उनका अधिकतर जीवन देहरादून में ही बीता. बाल्यकाल में ही नित्यानंद स्वामी आरएसएस से जुड़ गए थे. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भी भाग लिया था.
नित्यानंद स्वामी का प्रोफेशन वकालत था. राजनीति में प्रवेश के बाद वो 1951 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के उपाध्यक्ष बने. 1952 में विधान परिषद के अध्यक्ष बन गए. 9 नवंबर 2000 को जब उत्तराखंड बना तो बीजेपी ने नित्यानंद स्वामी को राज्य का पहला मुख्यमंत्री बनाया. 12 दिसंबर 2012 को उनका निधन हो गया था.
ये भी पढ़ें:सीएम धामी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह रावत 'गांववासी' को दी श्रद्धांजलि, हरिद्वार में हुआ अंतिम संस्कार