राज्य स्थापना दिवस पर शहीद आंदोलनकारियों को सीएम ने दी श्रद्धांजलि. देहरादून: उत्तराखंड राज्य आज 23 साल का हो गया है. उत्तराखंड अब अपने 24वें साल में कदम रख रहा है. उत्तराखंड राज्य का गठन 9 नवंबर 2000 को किया गया था. लिहाजा हर साल राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश भर में बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. साथ ही एक अलग पर्वतीय राज्य की मांग को लेकर अपने प्राणों की आहुति देने वाले राज्य आंदोलनकारियों को नमन भी करते हैं.
आंदोलनकारियों से मुलाकात करते सीएम धामी. सीएम धामी ने शहीद आंदोलनकारियों को दी श्रद्धांजलि:हर साल राज्य स्थापना दिवस पर देहरादून स्थित शहीद स्मारक पर कार्यक्रम होता है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट देहरादून स्थित शहीद स्मारक पहुंचे. वहां राज्य आंदोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता भी शहीद स्मारक पर उत्तराखंड के शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
बड़े संघर्ष के बाद मिला उत्तराखंड राज्य: राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य एक बड़े संघर्ष के बाद मिला है. ऐसे में जिस अवधारणा को लेकर एक अलग राज्य की मांग की थी. उस अवधारणा को पूरा करने के लिए सरकार कटिबद्ध है.
सीएम धामी ने राज्य आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि दी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस के मौके पर पहली बार राष्ट्रपति देहरादून पहुंची हैं. राष्ट्रपति परेड में शामिल हुई हैं. आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण के लिए बनाई गई प्रवर समिति आज विधानसभा अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट भी सौंप देगी.
राज्य के लिए शहीद हुए थे 42 आंदोलनकारी: उत्तराखंड राज्य गठन में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारीयो की एक बड़ी भूमिका रही है. दरअसल, उत्तर प्रदेश से अलग एक पर्वतीय राज्य बड़े ही संघर्षों के बाद मिला था. एक अलग राज्य के लिए 42 आंदोलनरियों ने अपनी शहादत भी दी है. मुख्य रूप से एक अलग पर्वतीय राज्य बनाने की अवधारणा यही थी कि प्रदेश के जल, जंगल और जवानी का बेहतर ढंग से उपयोग हो सके.
राज्य आंदोलन में 42 लोगों ने शहादत दी थी
साथ ही प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार प्रदेश का विकास हो सके. हालांकि, जिन अवधारणाओं के साथ एक अलग राज्य की मांग उठी थी, उस अवधारणा को अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड स्थापना दिवस: नेताओं ने सत्ता के लिए बनाए और बिगाड़े समीकरण, राजनीतिक लाभ के आगे पीछे छूटा विकास!