देहरादून: देश और प्रदेश में अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) के तहत अग्निवीरों की भर्ती के विरोध के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के साथ पूर्व सैनिकों के साथ सीधा संवाद किया. सीएम धामी ने पूर्व सैनिकों से अग्निवीरों (Agniveer) की भर्ती को लेकर उनकी राय जानी और उनसे सुझाव भी मांगे. सीएम ने पूर्व सैनिकों को बताया कि एक नई सोच के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को शुरू कर उत्तराखंड के साथ देशभर के युवाओं के लिए रोजगार का नया आयाम स्थापित किया है. क्योंकि उत्तराखंड एक सैनिक बाहुल्य प्रदेश है इसलिए यहां ज्यादा ध्यान दिया गया है.
पहला सैनिक संवाद:गौरतलब है कि उत्तराखंड पहला राज्य है, जहां अग्निपथ योजना पर पूर्व सैनिकों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया है. वहीं, पूर्व सैनिकों से संवाद के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि, पूर्व सैनिकों ने अग्निपथ स्कीम का स्वागत किया है और उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए हैं, उन्हें संकलित किया जाएगा. राज्य स्तर की बात होने पर अग्निवीरों के हित में राज्य सरकार के स्तर से कार्यवाही की जाएगी जबकि केंद्र स्तर से संबंधित सुझावों को केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय को सुझाव भेजे जाएंगे.
युवा भ्रमित न हों:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, उत्तराखंड देवभूमि के साथ ही वीर भूमि और सैन्य भूमि भी है. उत्तराखंड के युवाओं में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है. अधिकतर युवाओं ने अग्निपथ योजना का स्वागत किया है. हमारा दायित्व है कि हम अपने युवाओं को अग्निपथ योजना के सही तथ्यों के बारे में अवगत कराएं ताकि इसे लेकर युवा भ्रमित न हों. मुख्यमंत्री ने कहा कि, अग्निपथ योजना भी देशहित में लाई गई है. चयनित अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत तो नियमित किये ही जाएंगे, बाकी 75 प्रतिशत के लिये भी विभिन्न अर्धसैन्य बलों, राज्यों के पुलिस बलों व अन्य संस्थानों में व्यवस्था की जा रही है. सेना के अनुशासन में प्रशिक्षित अग्निवीर को सभी जगह निश्चित तौर पर प्राथमिकता मिलेगी. सेना से आने पर उसके पास इतनी जमाराशि हो जाएगी कि वो अपना स्वयं का व्यवसाय भी प्रारम्भ कर सकता है या फिर उच्च स्तरीय अध्ययन भी कर सकता है.
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इस योजना से सेना की यंग प्रोफाइल:अग्निवीरों को आकर्षक वेतन पैकेज के साथ ही रिस्क व हार्डशिप एलाउंस भी दिए जाएंगे. चार साल की अवधि के बाद पारदर्शी तरीके से 25 प्रतिशत नियमित सेवा में जाएंगे जबकि शेष 75 प्रतिशत को वन टाईम सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा. इस वर्ष 46 हजार अग्निवीर भर्ती किये जाएंगे. इससे सेना की यंग प्रोफाइल होगी जिससे भविष्य की चुनौतियों से निपटा जा सकेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन की समस्या है, यहां हॉर्टीकल्चर में व्यापक सम्भावनाएं हैं. राज्य सरकार हॉर्टीकल्चर में अग्निवीरों को प्रोत्साहित करने के लिये योजना की रूपरेखा तैयार करेगी. साथ ही राज्य पुलिसबलों में प्राथमिकता की बात पहले ही कही जा चुकी है.