देहरादून: राजधानी देहरादून में उत्तराखंड सरकार भव्य सैन्य धाम का निर्माण करवा रही है. 50 बीघा जमीन पर बनने वाले इस धाम में उत्तराखंड के हर बलिदानी के घर की पावन मिट्टी, देवभूमि की नदियों का जल और देवस्थलों से पत्थर लाए जा रहे हैं. खास बात यह है कि इस धाम की कल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी.
वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को निर्माणाधीन सैन्य धाम का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण एवं जिलाधिकारी देहरादून को सैन्यधाम के निर्माण के लिए होने वाली सभी आवश्यक कार्रवाई में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए हैं.
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इस दौरान सीएम ने कहा कि पुरकुल देहरादून में देवभूमि के अमर शहीद वीर जवानों की स्मृति में निर्माणाधीन सैन्य धाम का स्थलीय निरीक्षण किया. हमारी सरकार का संकल्प है कि हम वीर शहीदों के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड बनाएं.
उत्तराखंड से आते हैं 72 हजार जवान: उत्तराखंड सैन्य बहुल राज्य है. देश की सेना में हर 100वां सैनिक उत्तराखंड का है. किसी भी सेना का जिक्र होता है तो उसमें देवभूमि उत्तराखंड का नाम गौरव से लिया जाता है. आजादी से पहले हो या बाद उत्तराखंड का नाम हमेशा सेना के गौरव से जुड़ा रहा है. आलम यह है कि हर साल उत्तराखंड के करीब नौ हजार युवा सेना में शामिल होते हैं.
राज्य में 1,69,519 पूर्व सैनिकों के साथ ही करीब 72 हजार सेवारत सैनिक हैं. वर्ष 1948 के कबायली हमले से लेकर कारगिल युद्ध और इसके बाद आतंकवादियों के खिलाफ चले अभियान में उत्तराखंड के सैनिकों की अहम भूमिका रही है. खास बात यह है कि उत्तराखंड के युवा अंग्रेजी हुकूमत में भी पहली पसंद में रहते थे..