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Kargil Vijay Diwas: शौर्य दिवस पर कारगिल शहीदों को किया याद, राज्यपाल और CM ने अर्पित की श्रद्धांजलि

Kargil Vijay Diwas आज पूरे देश में शौर्य दिवस मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक में श्रद्धांजलि और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इसी बीच राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह, सीएम धामी और सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देकर याद किया.

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Published : Jul 26, 2023, 2:39 PM IST

Updated : Jul 26, 2023, 2:58 PM IST

शौर्य दिवस पर कारगिल शहीदों को किया याद

देहरादून: शौर्य दिवस के अवसर पर देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी क्रम में देहरादून के गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक में श्रद्धांजलि और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी और सीएम पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए. उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की वीरांगनाओं को सम्मानित किया. इसके अलावा राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह ने भी वीर शहीदों को याद किया. जवानों ने कारगिल युद्ध में किए कार्यों का अनुभव साझा किया.

साल 1999 में 5 मई को पाकिस्तान की सेना ने भारतीय सेना के 5 जवानों को मार दिया था. जिसके बाद 10 मई 1999 को भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय की शुरुआत की थी. भारत और पाकिस्तान के बीच करीब दो महीने तक कारगिल युद्ध चला और 26 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध पूर्ण रूप से समाप्त हुआ था. कारगिल युद्ध में देश के 527 जवान शहीद हुए थे और करीब 1300 जवान घायल हुए थे.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि करीब 18 से 20 हजार फीट की ऊंचाई पर भारतीय सेना ने अपने वीर पराक्रम से दुश्मनों को भगाया, जोकि विश्व के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है. कारगिल की चोटियों पर हमारे सैनिकों में अपने लहू से जो वीर गाथा लिखी थी, उन शौर्य गाथाओं से आज के युवा प्रेरणा ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि देश का हर पांचवां सैनिक उत्तराखंड से है. देशभक्ति सभी भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है.

CM धामी ने कारगिल शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि
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शौर्य दिवस पर CM धामी ने शहीदों की वीरांगनाओं को सम्मानित किया

सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सैनिकों के लिए कई बड़े काम हुए हैं. जिसका उदाहरण यह है कि आज सेना गोली का जवाब गोली से देती है. सेना को पहले गोली का जवाब देने के लिए परमिशन लेनी पड़ती थी. जिसमें काफी समय बीत जाता था, लेकिन आज गोली का जवाब देने के लिए किसी से अनुमति नहीं लेनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सैनिकों के परिजनों को मिलने वाली अनुदान राशि को बढ़ाया गया है. साथ ही शहीद सैनिकों के आश्रितों को नौकरी देने का काम किया गया है. गुनियाल गांव में जो सैन्य धाम बन रहा है, वो इतना भव्य बनाया जा रहा है ताकि देश भर से लोग उसे देखने आएं.

शहीद स्मारक में शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
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Last Updated : Jul 26, 2023, 2:58 PM IST

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