देहरादून: उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन और फिर कैबिनेट गठन होने के बाद प्रदेश के मंत्रियों की निगाह अब अपने विभागों पर टिकी हुई है. तीरथ कैबिनेट में आठ कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. इसके साथ ही तीन विधायकों को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं. लेकिन अब एक बार फिर विभागों में फेरबदल को लेकर अंदर खाने खींचतान के आसार हैं.
त्रिवेंद्र कैबिनेट में बड़ी जिम्मेदारी निभा चुके मदन कौशिक को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है. लिहाजा मदन कौशिक के विभाग कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत को दिए जा सकते हैं. माना जा रहा है कि जो गलती पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की थी, वो गलती मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत नहीं करेंगे. यानी कि सभी महत्वपूर्ण विभागों को अपने पास नहीं रखेंगे.
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जिस तरह की चर्चाएं है, उसके हिसाब से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने पास सीमित ही विभाग रखेंगे. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री पूर्व में दिए गए मंत्रियों के विभाग में भी फेरबदल कर सकते हैं. मुख्यमंत्री तीरथ के सामने सबसे बड़ी चुनौती संसदीय कार्य मंत्री किसे बनाएंगे ये है? पहले ये जिम्मेदारी पूर्व विधायक दिवंगत प्रकाश पंत निभा रहे थे, उनके निधन के बाद मदन कौशिक को ये जिम्मेदारी दी गई थी. हालांकि वो मंत्री कौन होगा, जिसे ये बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी ये अभी बड़ा सवाल है.
तीरथ कैबिनेट में शामिल किए गए तीन नए मंत्री गणेश जोशी, बिशन सिंह चुफाल और यतीश्वरानंद को भी ठीक-ठीक विभाग मिलने की उम्मीद है. इससे अलग प्रदेश के जो मुख्य विभाग अभीतक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास थे वो भी वरिष्ठ मंत्रियों को दिए जा सकते हैं. मुख्य रूप से स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी और आपदा प्रबंधन जैसे विभाग जो अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुद अपने पास रखे थे.
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कैबिनेट को मजबूत बनाने के लिए तमाम बड़े विभागों को कैबिनेट मंत्रियों को ही दे सकते हैं. ताकि वो अपनी टीम को ना सिर्फ मजबूत बना सकें बल्कि खुद कम विभाग रख कर सभी विभागों की प्रगति पर जानकारी भी समय-समय पर हासिल कर सकें. ऐसे में जल्द ही तीरथ मंत्रिमंडल में विभागों को लेकर फैसला होने के आसार हैं.