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आफत की बारिश: टौंस नदी ने उत्तराखंड और हिमाचल के कई इलाकों में मचाई तबाही, दोनों राज्यों का टूटा संपर्क

रविवार को हुई भारी बारिश के चलते उत्तराखंड का हिमाचल के कई हिस्सों से संपर्क कट गया है. बादल फटने की वजह से पूरी घाटी में जल प्रलय वाली स्थिति बनी हुई है.

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Published : Aug 18, 2019, 6:25 PM IST

भारी बारिश

देहरादूनः रविवार को उत्तराखंड में मौसम एक फिर से कहर बन कर टूटा. सुबह उत्तरकाशी के मोरी तहसील और हिमाचल राज्य की सीमा पर बहने वाली पब्बर नदी के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश और बादल फटने की वजह से पूरी घाटी में जल प्रलय वाली स्थिति बनी हुई है.

रविवार सुबह हुई इस घटना में उत्तरकाशी जिले की मोरी तहसील में पड़ने वाले आराकोट, टिकोची, किरानी और माकुड़ी इलाके में भारी नुकासान हुआ है तो वहीं, पब्बर नदी से मिलकर टौंस नदी के प्रचंड स्वरूप से अभी भी त्यूणी सहित कई इलाकों पर खतरा मंडरा रहा है.

माकुरी में नदी पर बने एक लोहे के पुल के टूटने से आगे के इलाकों में उत्तराखंड की ओर से संपर्क टूट चुका है, जहां पर हिमाचल प्रशासन पहुंचने की कोशिश कर रहा है.

बादल फटने से भारी नुकसान.

उत्तरकाशी जिले की मोरी ब्लोक से मिली जानकारी के अनुसार पब्बर नदी के ऊपरी इलाके में भारी बारिश यानी बादल फटने की वजह से नदी के तकरीबन 10 किलोमीटर के क्षेत्र में आफत आ गई है. आपको बता दें कि ये नदी हिमाचल और उत्तराखंड की सीमाओं को बांटती है जिससे दोनों राज्यों में भारी नुकसान की आंशका बताई जा रही है.

उत्तराकाशी जिले के मोरी ब्लाक में आयी इस जल प्रलय से उत्तराखंड के आराकोट, टिकोची, किरानू और माकूरी में भारी नुकसान बताया जा रहा है तो वहीं, पब्बर नदी आगे जाकर टौंस नदी से मिलती है जिसके ऊफान पर होने की वजह से आगे भी कई किलोमीटर तक रिहायशी इलाकों पर खतरा मंडरा रहा है. उत्तरकाशी की मोरी तहसील में बादल फटने से अभी तक 10 लोगों के मौत की आशंका जताई जा रही है.

मार्ग अवरुद्ध होने से संपर्क टूटा
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन के प्रभारी सचिव एस मुरुगेशन ने बताया कि आराकोट में 4 लोगों के लापता होने की सूचना मिली है. टिकोची में एक व्यक्ति के अलावा इंटर कॉलेज के भवन के नुकसान की खबर है.

इसी तरह माकुड़ी में 2 लोगों के लापता की खबर है. जिसमें से एक महिला की मौत की पुष्टि हो चुकी है. साथ ही कुछ वाहन और भवन क्षतिग्रस्त होने की भी सूचना मिली है.

उन्होंने बताया कि टिकोची में लोहे के पुल के टूटने से माकुड़ी और आगे के तमाम इलाकों में संपर्क टूट गया है. जिस वजह से रेस्क्यू टीम टिकोची से आगे नहीं बढ़ पा रही है जिसके चलते हिमाचल के शिमला जिला प्रशासन से संपर्क किया गया है.

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आपदा प्रभारी सचिव ने बताया कि उनकी माकुरी में एक पूर्व प्रधानाचार्य से बात हुई है जिसमें उन्होंने बताया कि अभी भी लगातार बारिश हो रही है और वहां 2 से 4 लोगों के मरने की अपुष्ट जानकारी है.

साथ ही कुछ घरों के ढहने की जानकारी स्थानीय व्यक्ति द्वारा दी गई है. आपदा प्रबंधन के अनुसार ये पूरी जानकारी स्थानीय लोगों से संपर्क कर जुटाई गई है जो कि एक तरह से अपुष्ट जानकारी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरने वालों के आंकाड़ों में वृद्धि हो सकती है.

हिमाचल की ओर से किया जा रहा है रेस्क्यू
आपदा प्रभारी सचिव एस मुरुगेशन ने बताया कि टिकोची में लोहे के पुल के टूटने की वजह से रेस्क्यु टीम माकुड़ी और आगे के प्रभावित इलाकों में नहीं जा पा रही है. जिसके लिए हिमाचल प्रशासन से संपर्क किया गया और हिमाचल के शिमला जिले की छुब्बल तहसील में एसडीएम अमित कश्यप और तहसीलदार चन्द्रमोहन के नेतृत्व में हिमाचल की और से उन इलाकों में रेस्क्यू किया जा रहा है जिनका संपर्क उत्तराखंड से टूट चुका है.

साथ ही हिमाचल की तरफ भी हालात गंभीर हैं. वहां के अधिकारियों ने बताया कि यहां भी परिस्थितियां लगातार विपरीत बनी हुईं हैं. रेस्क्यू के दौरान रास्ते में वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने से एक व्यक्ति चोटिल हैं जिसे उपचार के लिए भेजा जा रहा है.

त्यूणी सहित 10 किलोमीटर के इलाकों में आफत
आपदा प्रभारी सचिव ने बताया कि मौसम खुलते ही उत्तराखंड की ओर से इन इलाकों में हवाई मार्ग से भी रेस्क्यू का काम चलाया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी जिले की मोरी तहसील में आई इस जल प्रलय से टौंस नदी के किनारे बसे तकरीबन 10 किलोमीटर तक के रिहायशी इलाकों में खतरा मंडरा रहा है.

पब्बर नदी आगे जाकर टौंस नदी से मिलकर एक बड़ा स्वरूप ले लेती है जो कि आज आपने प्रचंड रूप में है. टौंस नदी के किनारे बसे त्यूणी में भी इसका साफ असर देखा जा रहा है, जहां नदी का उफान नदी के ऊपर बने पुल को भी पार कर रहा है जिसे देखते हुए स्थानीय प्रशासन द्वारा पुल पर आवाजाही रोक दी गई है और पुल से लगे नजदीकी बाजार को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है.

मैदानों में भी बिगड़ सकते हैं हालात
एस मुरुगेशन ने बताया कि पिछले 48 घंटे से भी ज्यादा समय से उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बारिश अपने अधिकतम पैमाने के करीब-करीब सभी जिलों में बरस रही है जिसके चलते प्रदश के सभी नदी नाले उफान पर हैं. गंगा, यमुना जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ने से मैदानों में भी आफत आ सकती है.

मुरुगेशन ने बताया कि गंगा और यमुना नदी के जलस्तर पर आपदा प्रबंधन लागातार पैनी नजर बनाए हुआ है. हालांकि, अभी सभी बड़ी नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं लेकिन उसके बावजूद भी मानकों के अनुसार विभाग द्वारा सभी एहतियात बरती जा रही है.

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