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मंदिरों के बंद होने से खतरे में पुरोहितों की आजीविका, नहीं मिल रहे यजमान

ऋषिकेश में कोरोना के कारण मंदिरों में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान कराने वाले पुरोहितों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

lockdown has ended the earning of purohit
मंदिरों के बंद होने से खतरे में पुरोहितों की आजीविका

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Published : May 30, 2020, 4:35 PM IST

ऋषिकेश: दुनिया भर में कोरोना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च कई महीनों से बंद हैं. ऋषिकेश में भी कोरोना के कारण मंदिरों में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान कराने वाले पुरोहितों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

पूजा-पाठ कर अपनी आजीविका चलाने वाले ब्राह्मण परिवार के सामने समस्या खड़ी हो गई है. जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने मंदिर और मठों में पूजा-अर्चना करने वाले पुरोहितों के बीच खाद्य सामग्री का वितरण किया.

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इस दौरान परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि कोरोना के चलते पूरा विश्व प्रभावित हुआ है. जिसकी वजह से देश और उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है. लॉकडाउन के चलते 22 मार्च से मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थल बंद हैं.

जिसकी वजह से पुरोहित समाज के समाने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है. इस मौके पर कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला ने कहा कि सभी मठ, मंदिर और आश्रम संचालकों को आगे आकर पुरोहित समाज की मदद करनी चाहिए.

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