उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

राजेश सूरी केस में पुलिस की दूसरी FR भी निरस्त, विस्तृत जांच के आदेश - Rajesh Suri death case discussed in CJM court

चर्चित राजेश सूरी मौत प्रकरण में दूसरी बार पुलिस की FR को कोर्ट ने निरस्त कर दिया है.

famous-rajesh-suri-death-case
चर्चित राजेश सूरी मौत प्रकरण

By

Published : Jul 24, 2021, 7:24 PM IST

देहरादून: चर्चित राजेश सूरी मौत प्रकरण में सीजेएम कोर्ट ने दूसरी बार पुलिस की FR (final report) को निरस्त कर दिया है. साथ ही सीजेएम कोर्ट ने डीआईजी गढ़वाल को इस मामले की गंभीरता लेने को कहा है. कोर्ट ने एक बार फिर से पूरे मामले की विस्तृत निष्पक्ष जांच कराने के आदेश दिए हैं.

30 नवंबर 2014 में देहरादून के चर्चित अधिवक्ता राजेश सूरी मौत प्रकरण मामले में दूसरी बार कोर्ट ने पुलिस की FR (अंतिम रिपोर्ट) को निरस्त कर दिया है. इतना ही नहीं देहरादून सीजेएम कोर्ट ने इस मामले में डीआईजी गढ़वाल को सख्त संदेश दिया है और पूरे मामले की विस्तृत निष्पक्ष जांच कराने के आदेश दिए हैं.

पढ़ें-ऊर्जा निगमों में प्रबंध निदेशक पद पर IAS दीपक रावत ने नहीं ली ज्वाइनिंग, ये है वजह

वहीं, इससे पहले इस मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से दायर अपील के तहत देहरादून सीजेएम कोर्ट ने पुलिस एसआईटी की दूसरी बार FR रिपोर्ट को खारिज किया. मृतक राजेश सूरी की बहन अधिवक्ता रीता सूरी का आरोप है उनके भाई राजेश सूरी के हत्याकांड में पुलिस पहले दिन से ही एसआईटी गठित करने के बावजूद इस हाई प्रोफाइल मामले से जुड़े आरोपियों को बचाने में जुटी हुई है. यही वजह है कि उनके द्वारा अपने भाई के हत्या मामले को वह लेकर वह हाईकोर्ट से सीबीआई जांच की गुहार लगा चुकी हैं.

पढ़ें-सीएम धामी का नगला में जोरदार स्वागत, शहीद स्मारक जाकर दी श्रद्धांजलि

ऐसे भी अब हाईकोर्ट के संज्ञान के बाद सीजीएम कोर्ट ने उनकी अपील को स्वीकार करते हुए पुलिस की दूसरी बार FR रिपोर्ट को खारिज कर नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं.

क्या है अधिवक्ता राजेश सूरी मौत प्रकरण:अधिवक्ता राजेश सूरी की बहन रीचा सूरी का आरोप हैं कि देहरादून के नगर निगम सहित तमाम हाई प्रोफाइल सरकारी प्रॉपर्टी व जमीनों के केस लड़ने वाले उनके भाई राजेश सूरी को उस समय जहर देकर मार डाला, जब वह हाईकोर्ट नैनीताल से ट्रेन से वापस देहरादून लौट रहे थे.

इस मामले में रीता सूरी द्वारा हत्याकांड का आरोप लगाते हुए कई भू माफिया और राजनीतिक शरण पाने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया. रीता सूरी के मुताबिक वर्ष 2015 में तत्कालीन एसपी सिटी के नेतृत्व में इस प्रकरण में एसआईटी जांच गठित की गई. वर्ष 26 अक्टूबर 2016 में एसआईटी द्वारा इस केस FR (अंतिम रिपोर्ट) कोर्ट में दाखिल की गई. लेकिन रीता सूरी द्वारा इस जांच पड़ताल पर सवाल उठाते हुए कोर्ट में अपील की गई. जिसके चलते 2018 में कोर्ट ने पुलिस एसआईटी की रिपोर्ट खारिज कर दी थी.

पढ़ें-CM धामी के 200 करोड़ के आर्थिक पैकेज पर सियासत, पर्यटन व्यवसायी ने बताया- ऊंट के मुंह में जीरा

उधर रीता सूरी ने एक बार हाईकोर्ट में अपील दायर करते हुए सीबीआई जांच की मांग की. ऐसे 2018 को एक बार फिर तत्कालीन एसपी सिटी प्रदीप राय और श्वेता चौबे के नेतृत्व में एसआईटी जांच टीम का गठन किया गया. पुलिस एसआईटी ने इस बार दिसंबर 2020 को एक बार सिर्फ FR (अंतिम रिपोर्ट) कोर्ट में दाखिल कर दी थी.

ऐसे में पुलिस की जांच पड़ताल कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए पूरे प्रकरण में निष्पक्ष जांच ना होने का आरोप लगाते हुए मृतक राजेश सूरी की बहन ने कोर्ट में अपील की थी. जिसके बाद शनिवार 24 जुलाई 2021 को देहरादून सीजेएम कोर्ट ने पुलिस SIT की दूसरी FR रिपोर्ट को खारिज करते हुए एक बार फिर दोबारा से पूरे प्रकरण में विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details