देहरादून:राजधानी में सिटी बसों को दोगुना किराया वसूलने के साथ ही संचालन की अनुमति मिल गई है. वहीं, विक्रम और ई-रिक्शा के डग्गामार की वजह से उनकी हालत बदतर हो गई है. ऐसे में उन्हें लॉकडाउन के चलते हुए घाटे से उभरने का मौका तक नहीं मिल पा रहा है. इसी कड़ी में सिटी बस यूनियन ने आरटीओ से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा है. साथ ही अपनी गाड़ियों को सरेंडर करने के लिए आरटीओ विभाग पहुंचे, लेकिन आरटीओ ने यूनियन को आश्वासन देते हुए एआरटीओ प्रवर्तन को एक आदेश जारी कर दिया है. जिसमें नियम के खिलाफ संचालन पर टैंपो और विक्रम चालकों पर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं.
बता दें कि सिटी यूनियन अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि 1997 से पहले भी देहरादून शहर में रोडवेज की लोकल बसे चलती थीं, लेकिन विक्रमों की डग्गामार के कारण रोडवेज की लोकल बस सेवा पूरी तरह से समाप्त हो गई है. आज देहरादून में चलने वाली समस्त सिटी बसों के परमिट सरेंडर होने पर परिवहन सेवा समाप्त होने की कगार पर है. सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश, उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश और राज्य सरकार के नोटिफिकेशन के बाद भी कार्रवाई न होने पर कहीं न कहीं परिवहन विभाग पर सवाल उठता है.