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दून में एक बार फिर थम जाएंगे सिटी बस के पहिए, जानिए वजह - Dehradun news

जुलाई 2017 में सिटी बस महासंघ ने छह दिनों की हड़ताल की थी. जिसमें सिटी बस संचालकों और परिवहन विभाग के बीच कुछ बिंदुओं पर समझौता हुआ था. लेकिन महासंघ का आरोप है कि अबतक इन बिंदुओं पर परिवहन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

सिटी बस संचालकों ने दी हड़ताल की चेतावनी.

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Published : May 22, 2019, 8:18 PM IST

देहरादून: राजधानी दून में इस महीने के अंत तक एक बार फिर सिटी बस के पहिए थमने वाले हैं. ऐसे में सिटी बस का संचालन रुकने से दूनवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. सिटी बस महासंघ ने परिवहन विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए धरना और आंदोलन की चेतावनी दी है.

दून में एक बार फिर थम जाएंगे सिटी बस के पहिए.

दरअसल, जुलाई 2017 में सिटी बस महासंघ ने छह दिनों की हड़ताल की थी. जिसमें सिटी बस संचालकों और परिवहन विभाग के बीच कुछ बिंदुओं पर समझौता हुआ था. लेकिन महासंघ का आरोप है कि अबतक इन बिंदुओं पर परिवहन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है. लिहाजा, सिटी बस महासंघ ने इस माह के आखिरी में बसों का संचालन रोकने से साथ ही धरना और आंदोलन की चेतावनी दी है.

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सिटी बस महासंघ का आरोप है कि शहर में चलने वाले विक्रम ऑटो द्वारा शहर की सड़कों पर कहीं से भी सवारी उठा ली जाती है. जिसके चलते सिटी बस संचालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. साथ ही जुलाई 2017 में कई मांगों को लेकर बस यूनियन ने छह दिन का धरना दिया था. जिसके बाद सिटी बस यूनियन और परिवहन विभाग के बीच कुछ बिंदुओं पर समझौता भी हुआ था. जिसमें विक्रम ऑटो संचालकों द्वारा फूटकर सवारी न उठाने के लिए शपथ-पत्र देने का फैसला भी लिया गया था. साथ ही पकड़ने जाने पर परमिट निलबंन की अवधि में वाहन का संचालन भी बंद रखने पर सहमति बनी थी.

सिटी बस महासंघ अध्यक्ष विजयवर्धन डंडरियाल ने बताया कि परिवहन विभाग के साथ पूर्व में हुए समझौते के मुताबिक, सिटी बस ऑपरेटरों की मांग पर अनाधिकृत संचालन रोकने को दो प्रवर्तन अधिकारियों की नियुक्ति होनी थी. लेकिन अभीतक इस विषय पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. वहीं, प्रशासन द्वारा हुई वार्ताओं के बाद भी परिवहन विभाग कोई भी निर्णय लागू करने के मूड में नहीं लग रहा. डंडरियाल का कहना है कि परिवहन विभाग के द्वारा कोई निर्णय न लेने पर सिटी बस संचालकों की स्थिति जस की तस बनी हुई है. ऐसे में अगर विक्रम ऑटो संचालकों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो वह धरना प्रदर्शन और आंदोलन को मजबूर होंगे.

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