देहरादून: परिवहन विभाग की तरफ से बहुत बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. उत्तराखंड में वापस आए लोगों को पहाड़ों में भेजने की व्यवस्थाएं की गई थी. इससे पहले देहरादून सिटी बसों के ड्राइवर और कंडक्टरों की स्क्रीनिंग नहीं की गई, और ना ही सिटी बसों को सैनिटाइज किया गया. वहीं, बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजयवर्धन डंडरियाल का कहना है कि बसों में पहाड़ों की ओर गए यात्रियों को कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं करवाया गया.
यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि प्रदेश में वापस आए लोगों को पहाड़ों की ओर भेजने से पहले बस चालकों का लाइसेंस हिल एंडोर्समेंट चेक नहीं किया गया. बसों में बैठी सवारियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कराया गया. उन्होंने कहा कि अधिकतर ड्राइवर रात भर ड्यूटी कर रहे हैं. ऐसे में 24 घंटे सिटी बस के चालक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं. जिस कारण उन्हें आराम करने का मौका नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में अगर कोई दुर्घटना घट गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? उन्होंने ड्राइवर और कंडक्टर का हेल्थ बीमा कराए जाने की अपील भी की है.