देहरादून/पिथौरागढ़/हल्द्वानी/लक्सर/श्रीनगर: देश और दुनिया में यीशु मसीह के जन्मोत्सव क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में उत्तराखंड में भी क्रिसमस की धूम मची है. इस दौरान प्रदेशभर के विभिन्न चर्चों में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. प्रार्थना में मौजूद लोगों ने प्रभु यीशु से विश्व शांति की कामना की. साथ ही सभी धर्मों को मानने वालों से मानवता के लिए एकजुट रहने का आह्वान भी किया.
देहरादून
राजधानी देहरादून में स्थित 160 साल पुराने ऐतिहासिक सेंट फ्रांसिस चर्च में क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान ईसाई धर्म गुरुओं ने बताया कि करीब 2000 साल पहले यीशु मसीह का जन्म मानव जाति के कल्याण, प्रेम, आपसी भाईचारा, एकता और सद्भावना के लिए हुआ था. हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस का त्योहार देश-दुनिया में प्रेम और सौहार्द का माहौल को लेकर आता है.
सेंट फ्रांसिस चर्च के पादरी ने क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हुए अमन और शांति की अपील की. वहीं, क्रिसमस की दिन ईसाई और अन्य धर्म के अनुयायी लोग एक-दूसरे को मैरी क्रिसमस की बधाई और नए साल की शुभकामनाएं देते नजर आए.
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पिथौरागढ़
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में भी क्रिसमस धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर मुख्यालय स्थित मैथोडिस्ट चर्च में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. जहां पर लोगों ने प्रभु यीशु से विश्व शांति की कामना की. सिल्थाम स्थित मैथौडिस्ट चर्च में ईसाईयों के साथ ही सभी धर्मों के अनुयायियों का तांता लगा हुआ है.
इस चर्च की स्थापना 1869 में इंग्लैंड से आई मिस मैरी बर्डन ने ईसाई मिशनरी की सहायता से की थी. उत्तराखंड के सबसे पुराने गिरजाघरों में शुमार ये चर्च तत्कालीन वास्तुकला बेजोड़ नमूना है. यही नहीं ये चर्च इस सीमांत जनपद में ईसाइयत के आगमन की दास्तान भी बयां करता है.