देहरादून: भारत-चीन सीमा पर तनाव बरकार है. ऐसे में चीनी ऐप के जरिए साइबर अटैक की आशंका जताई जा रही है. भारत में बड़े पैमाने पर लोग चीनी मोबाइल और ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, जिनके जरिए भारतीयों को आसानी से टारगेट किया जा सकता है. चीनी मोबाइल ऐप के जरिए साइबर अटैक की संभावन को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस की साइबर सेल और STF लोगों को जागरुक करने के साथ-साथ अलर्ट हो गई है.
ऐसे हो सकता है अटैक
साइबर एक्सपर्ट अंकुर चंद्रकांत के मुताबिक चीन से एक मास साइबर अटैक हो सकता है. इसके लिए हैकर्स ऐसे बाइट्स का निर्माण करते हैं जो रोबोट की शॉर्ट फॉर्म के तर्ज पर होते हैं. इसके जरिए हैकर्स एक साथ हजारों-लाखों सिस्टम पर एक साथ अटैक करते हैं. इस अटैक को DDOS (Distributed Denial of Service) कहते हैं. इसके जरिए सैटेलाइट से आने वाली इंफॉर्मेशन को बीच में ही पढ़कर उसमें बदलाव कर सकते हैं.
साइबर एक्सपर्ट अंकुर के मुताबिक साइबर अटैक कुछ इस तरह का हमला है, जिसमें सरकारी और गैर सरकारी सिस्टम ठप हो जाते हैं. साइबर अटैक में युवा वर्ग को निशाने पर लेकर नुकसान पहुंचाया जा सकता है. क्योंकि ज्यादातर चीनी ऐप से इंफॉर्मेशन चाइना तक पहुंच रही है. ऐसे में हैकर्स यूजर्स पर निशाना साध सकते हैं.
इस तरीके से आप रहेंगे सुरक्षित
साइबर एक्सपर्ट अंकुर चंद्रकांत के मुताबिक साइबर अटैक से बचने के लिए लोगों को फिशिंग अटैक से बचना चाहिए और अनजाने लिंक को नहीं खोलना चाहिए. फिशिंग अटैक के जरिए पर्सनल अकाउंट से जुड़े पैन नंबर, आधार कार्ड और बैंक डिटेल जैसी सूचनाएं चुरा ली जाती हैं. चीनी ऐप का सहारा लेकर हैकर्स बड़े पैमाने पर यूजर्स पर निशाना साध सकते हैं. ऐसे में यूजर्स को बिना-वजह की सर्फिंग और फिशिंग लिंक से बचना चाहिए.