देहरादूनःबच्चों को नशे की लत (Drug Addiction in Children) से दूर रखने के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. ताकि बच्चों में नशे की प्रवृत्ति को रोका जा सके और उन्हें नशे के दलदल में धंसने से बचाया जा सके. इसके लिए ज्वाइंट एक्शन प्लान के तहत स्कूलों में शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इसके साथ ही हर स्कूल में बच्चों का एक छोटा प्रेशर ग्रुप बनाया जा रहा है. जिन्हें शिक्षा विभाग की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग (State Commission for Protection of Child Rights Uttarakhand) की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना का कहना है कि बच्चों में नशे की प्रवृत्ति रोकने के लिए सरकार की ओर से प्रदेश की उन 80% दवाओं की दुकानों पर कैमरे लगाए गए हैं, जिन दवाओं की दुकानों पर कफ सिरप और नींद की दवाएं बेची जाती हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा दवाओं के स्टॉक को डिजिटलाइज कराया जा रहा है. ताकि यह देखा जा सके कि दवाइयों की दुकानों में किस तरह की खरीदारी या नशे का इंजेक्शन, नींद की दवा या कफ सिरप बेचा जा रहा है.
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