ऋषिकेशःचिल्ड्रन होम सोसाइटी में एक छात्र की संग्दिध परिस्थियों में मौत के मामले में बाल संरक्षण आयोग की टीम भोगपुर पहुंची. इस दौरान बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने छात्र की मौत के कारणों की जांच की. जिसमें सामने आया कि छात्र की मौत सही समय पर इलाज ना मिलने के कारण हुई थी. मामले पर स्कूल प्रबंधन से जवाब तलब भी किया. इतना ही नहीं आयोग को हॉस्टल में कई खामियां भी मिली. जिस पर फटकार लगाते हुए स्पष्टीकरण भी मांगा है.
बता दें कि, बीते 20 सितंबर को चिल्ड्रन होम सोसाइटी के कक्षा आठ में पढ़ने वाले छात्र अभिषेक रविदास की मौत हो गई थी. इससे पहले भी सोसाइटी काफी विवादों में रही है. इसी कड़ी में सोमवार को बाल संरक्षण आयोग की टीम चिल्ड्रन होम सोसाइटी पहुंची. जहां पर टीम को स्कूल में भारी अनियमितता और खामियां मिली. जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए स्कूल प्रबंधन से छात्र की मौत को लेकर स्पष्टीकरण मांगा.
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उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी का कहना है कि हॉस्टल में चिकित्सा सुविधा के नाम पर बच्चों को चिकित्सकीय स्टाफ के बजाय कर्मचारी खुद ही दवा दे रहे हैं. जिससे बच्चे की मौत हुई है. वो तेज बुखार से पीड़ित था, लेकिन उसे 2 दिन तक हॉस्टल में ही रखा गया. तीसरे दिन जब हिमालयन अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया तो उसकी मौत हो गई.