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चिल्ड्रन होम सोसाइटी की सच्चाई आई सामने, सही इलाज नहीं मिलने से हुई थी छात्र की मौत - उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग

भोगपुर स्थित चिल्ड्रन होम सोसाइटी में एक छात्र की मौत के मामले में बाल संरक्षण आयोग की टीम ने स्कूल पहुंच कर निरीक्षण किया. जहां पर टीम को स्कूल में भारी अनियमितता और खामियां मिलीं. मामले में सामने आया है कि हॉस्टल में चिकित्सा सुविधा के नाम पर बच्चों को चिकित्सकीय स्टाफ के बजाय कर्मचारी खुद ही दवा दे रहे हैं.

चिल्ड्रन होम सोसाइटी

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Published : Sep 23, 2019, 8:02 PM IST

ऋषिकेशःचिल्ड्रन होम सोसाइटी में एक छात्र की संग्दिध परिस्थियों में मौत के मामले में बाल संरक्षण आयोग की टीम भोगपुर पहुंची. इस दौरान बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने छात्र की मौत के कारणों की जांच की. जिसमें सामने आया कि छात्र की मौत सही समय पर इलाज ना मिलने के कारण हुई थी. मामले पर स्कूल प्रबंधन से जवाब तलब भी किया. इतना ही नहीं आयोग को हॉस्टल में कई खामियां भी मिली. जिस पर फटकार लगाते हुए स्पष्टीकरण भी मांगा है.

चिल्ड्रन होम सोसाइटी पर लगा लापरवाही का आरोप.

बता दें कि, बीते 20 सितंबर को चिल्ड्रन होम सोसाइटी के कक्षा आठ में पढ़ने वाले छात्र अभिषेक रविदास की मौत हो गई थी. इससे पहले भी सोसाइटी काफी विवादों में रही है. इसी कड़ी में सोमवार को बाल संरक्षण आयोग की टीम चिल्ड्रन होम सोसाइटी पहुंची. जहां पर टीम को स्कूल में भारी अनियमितता और खामियां मिली. जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए स्कूल प्रबंधन से छात्र की मौत को लेकर स्पष्टीकरण मांगा.

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उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी का कहना है कि हॉस्टल में चिकित्सा सुविधा के नाम पर बच्चों को चिकित्सकीय स्टाफ के बजाय कर्मचारी खुद ही दवा दे रहे हैं. जिससे बच्चे की मौत हुई है. वो तेज बुखार से पीड़ित था, लेकिन उसे 2 दिन तक हॉस्टल में ही रखा गया. तीसरे दिन जब हिमालयन अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया तो उसकी मौत हो गई.

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उन्होंने बताया कि मौत का कारण फिलहाल निमोनिया बताया जा रहा है. आयोग इसकी पूरी रिपोर्ट तलब करेगा. वहीं, उन्होंने स्कूल प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाते हुए व्यवस्था सुधारने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बच्चों से बातचीत से पता चला है कि दो बच्चों की भी तबीयत खराब थी. जिस पर उन्होंने प्रबंधक को फटकार लगाई. जिसके बाद बच्चों को तत्काल इलाज के लिए भेजा गया है.

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वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी आयोग ने नाराजगी व्यक्त करते हुए बच्चों की सुरक्षा के लिए हॉस्टल प्रबंधन को जरूरी दिशा-निर्देश दिए. साथ ही बच्चों को दिए जाने वाले भोजन पोष्टिक हो, इसके लिए भी आयोग ने निर्देश देते हुए बच्चों का डाइट चार्ट तैयार करने को कहा है.

उधर, चिल्ड्रन होम सोसाइटी के प्रबंधक कैरब का कहना है कि बच्चे को बुखार होने पर उसे अस्पताल ले जाया गया था. इससे पहले बच्चे के माता-पिता को भी सूचना भिजवा दी गई थी. वो भी उसी दिन अस्पताल पहुंच गए थे. साथ ही कहा कि बच्चे की मौत के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया था.

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