देहरादून:त्यूणी में हाल ही में हुई आगजनी की घटना में चार बच्चों की मौत हो गई थी. जिसके बाद अब बाल अधिकार संरक्षण आयोग सक्रिय हो गया है. इसी क्रम में राज्य में भूकंप, भूस्खलन और आगजनी जैसे आपदाओं से बच्चों को बचाने को लेकर बाल संरक्षण आयोग ने सचिवालय में बैठक की. इस दौरान आपदा विभाग समेत तमाम अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक में आपातकालीन स्थिति में बच्चों की सुरक्षा के लिए विभागों की तैयारियों को लेकर चर्चा किया गया. साथ ही तमाम जरूरी दिशा निर्देश भी दिए गए.
बच्चों की सुरक्षा को लेकर बाल संरक्षण आयोग ने की बैठक, विभागों से ली सेफ्टी मेजर्स की जानकारी - बाल संरक्षण आयोग ने ली सेफ्टी मेजर्स की जानकारी
पिछले दिनों त्युणी में आग में झुलसकर चार बच्चों की मौत होने की घटना सामने आई थी. जिसको लेकर बाल संरक्षण आयोग ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर आपदा प्रबंधन सहित अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने विभागों से सेफ्टी मेजर्स की जानकारी ली.
बैठक के बाद उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने बताया फरवरी और मार्च महीने में चमोली में घटित आपदा में कई परिवार और बच्चे प्रभावित हुए थे. इसके साथ ही देहरादून के त्यूणी में अग्निकांड में चार बच्चों की जलने से मौत हो गई थी. इन सभी घटनाओं का स्वतः संज्ञान में लेते हुए आयोग ने आपदा प्रबंधन विभाग के सहयोग और समन्वय से बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत तैयारी एवं दिशा-निर्देश दिए है. साथ ही इस संबंध में स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायतीराज, फायर, शहरी विकास, परिवहन और अन्य संबंधित विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए है.
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इसके साथ ही बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने कहा बैठक के दौरान पता चला कि हमारी तैयारी नहीं है. खास तौर पर बच्चो की सुरक्षा को लेकर कई अहम बिंदुओं पर चर्चा किया गया है. जिसके तहत कई प्राइवेट स्कूल के नक्शे पास नहीं है. बावजूद इसके उनको फायर का एनओसी कैसे मिल जाता है? अगर फायर एनओसी नहीं दिया गया है तो, ऐसे में शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों पर क्या कार्यवाही हुई है? इसके अलावा परिवहन विभाग से स्कूली बच्चों के वाहन चलाने के मामले में क्या कर रहा है. इसके अलावा तमाम कोचिंग सेंटर रेजिडेंशियल क्षेत्र में सेंटर चला रहा है. ऐसे में उनके सेफ्टी मेजर्स को लेकर चर्चा किया गया है.