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बौद्ध मठ मामला: नेपाली मूल के छात्रों का बन रहा आधार कार्ड!, शिक्षा विभाग-पुलिस से सवाल करेगा बाल आयोग

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Published : Oct 30, 2020, 3:52 PM IST

Updated : Oct 30, 2020, 6:43 PM IST

बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी का कहना है कि इस मामले में न सिर्फ मठ बल्कि शिक्षा विभाग और पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है. ऐसे में दोनों से भी जवाब तलब किया जाएगा.

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बौद्ध मठ में मारपीट मामला

देहरादूनःदेहरादून के राजपुर थाना क्षेत्र स्थित बौद्ध मठ में नेपाली मूल के बच्चों की बेरहमी से की गई पिटाई मामले में बाल आयोग सख्त नजर आ रहा है. आयोग इस मामले में शिक्षा विभाग और पुलिस महकमे से जल्द ही जवाब तलब करेगा. बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने इस पूरे मामले में मठ प्रबंधन के साथ ही पुलिस और शिक्षा विभाग के लापरवाह रवैये को जिम्मेदार ठहराया है.

बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी

ईटीवी भारत से बात करते हुए बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मामला है, जिसमें पड़ोसी राज्य नेपाल के बच्चों के साथ हमारे देश में दुर्व्यवहार किया गया है. वहीं, दूसरी तरफ इस पूरे मामले में बच्चों का आधार कार्ड बनाने की बात भी सामने आई है, जो एक बहुत ही गंभीर विषय है. इस विषय पर जांच की जाएगी कि आखिर किस उद्देश्य से नेपाल मूल के बच्चों का भारत में आधार कार्ड बनाया जा रहा है.

पढ़ेंः बौद्ध मठ में छात्रों से मारपीट: बच्चों का हाल जानने पहुंचीं बाल आयोग की अध्यक्ष, प्रबंधन को लगाई फटकार

गौरतलब है कि दशहरे के लिए छुट्टी मांगने पर शिक्षकों ने मठ में रह रहे नेपाल मूल के छात्रों के साथ बेरहमी से मारपीट की. जिसके बाद छात्रों के परिजनों ने नेपाल मानव अधिकार आयोग के पास मदद की गुहार लगाई. वहीं, जब यह पूरा मामला बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संज्ञान में आया तो खुद बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी गुरुवार को बौद्ध मठ पहुंची थी. इस दौरान उन्होंने छात्रों से बात की और 47 छात्रों की घर जाने की गुहार पर मठ प्रबंधन को शनिवार तक बच्चों को सुरक्षित नेपाल उनके घर वापस पहुंचाने का आदेश दिया.

Last Updated : Oct 30, 2020, 6:43 PM IST

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