देहरादून:सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू ने राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की समीक्षा बैठक ली. बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए किए जाने वाले हरसंभव प्रयासों को संजीदगी से अमल में लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि लोगों का जीवन बचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए. इसके लिए विभिन्न विभागों को अपने विभागीय स्तर पर और सामूहिक समन्वय से जरूरी कदम उठाये जाने चाहिए.
मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू ने कहा कि सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी न की जाए और सुधारीकरण के कार्यों की तीव्र प्रगति के लिए नियमित मॉनिटरिंग की जाए. लाइसेंस जारी करते समय पूरी प्रक्रिया का ठीक ने अनुपालन करें. इस दौरान उन्होंने परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि विभिन्न श्रेणी के लाइसेंस बनाते समय ट्रायल-टेस्टिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग रखें और ट्रायल का डेटा पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी मीडिएटर यानी दलाल के माध्यम से लाइसेंस न बनवा सके.
उन्होंने परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को निर्देश दिए कि मुख्य चौराहों और मुख्य सार्वजनिक रूट पर सीसीटीवी कैमरे के साथ ही राडार और स्पीड इंटरसेप्टर तकनीक का इस्तेमाल करें. इस तकनीक को चौपहिया और दोपहिया वाहनों में भी लगाएं. साथ ही इसका नियमित सुपरविजन करते हुए ओवरस्पीडिंग, रैश डाइविंग और सड़क सुरक्षा के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों पर सक्रियता से एक्शन लेते हुए सड़क सुरक्षा के जोखिम को न्यूनतम करें.
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मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को ब्लैक स्पॉट और वलनरेबल (दुर्घटना की दृष्टि से जोखिम वाले) क्षेत्रों को A, B व C श्रेणी में वर्गीकृत करें. इसके साथ ही जोखिम की अधिकता के अनुसार सुधारीकरण से संबंधित सभी कार्य संपन्न करने के निर्देश दिये है. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जहां तक संभव हो सके सड़क मार्गों पर साइकिल ट्रैक का भी निर्माण करें, विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों में जहां पर कामगारों (श्रमिकों) का आना-जाना रहता है, वहां पर साइकिल ट्रैक जरूर बनाएं.
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मुख्य सचिव ने अवैध मीडियन्स को तत्काल बंद करने, मुख्य मार्ग से 90 डिग्री पर सीधे मिलने वाले संपर्क मार्ग अथवा रास्तों पर जरूरी सुरक्षा उपाय करने और पहाड़ी क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार क्रैश बैरियर लगाने के निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को निर्देशित किया कि सुरक्षा मानकों का दूसरी बार उल्लंघन करने वाले वाहन चालक के डाइविंग लाइसेंस को 6 माह के लिए और तीसरी बार उल्लंघन करने पर एक वर्ष के लिए लाइसेंस को निलंबित करें. बिना हेलमेट वाहन चलाने वालो से हेलमेट का चार्ज लेते हुए नया हेलमेट दें, साथ ही मानक के अनुरूप जुर्माना की जितनी धनराशि है, उसका 50 प्रतिशत धनराशि भी वसूले.
मुख्य सचिव ने कहा कि दुर्घटना में लोगों का जीवन बचाने में स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और परिवहन विभाग को संयुक्त रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटना में घायल लोगों के त्वरित इलाज हेतु व्यवहारिक समाधान तलाशने के निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने वीडियो कन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित पूर्व की जितनी भी मजिस्ट्रेट जांच अभी तक लंबित है, उसका दो माह के भीतर निस्तारण करें, साथ ही आगे से प्रत्येक मजिस्ट्रियल जांच को प्रत्येक हाल में तीन माह के भीतर निस्तारित करें.
मुख्य सचिव ने ऑटोमेटेड टेस्टिंग लेन, ड्राइविंग स्कूल और फिटनेस टेस्ट लेन बनवाने के लिए भूमि का तत्काल सर्वे किया जाए और इस संबंध में अगर निजी संस्थानों का भी सहयोग लिया जा सकता है, तो उस पर भी विचार करें. उन्होंने अग्रिम निर्देश देते हुए कहा कि सभी जनपदों में इंस्टीट्यूट सोशल रेस्पोंसिबल इनिशिएटिव प्रारंभ करें, जिसके अंतर्गत विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों में अध्यनरत छात्रों, रिटायरमेंट इंजीनियरों अथवा समाज के सक्रिय और रचनात्मक नागरिकों को सड़क सुरक्षा के संबंध में बेहतरीन सुझाव और फीडबैक देने के लिए मंच प्रदान करें.
इसके लिए उन्होंने प्रत्येक विकासखंड स्तर पर भी उपजिलाधिकारियों की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति गठित करने के निर्देश दिएस जिसमें उपरोक्त सभी लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो.