देहरादूनः मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने राज्य में जल संकट के न्यूनीकरण के लिए जनपद स्तर पर जल शक्ति अभियान-II 'कैच द रेन' संचालित किए जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अपने आदेश में 22 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2021 तक संचालित किए जाने और इस अभियान अवधि के दौरान राज्य स्तर पर पूर्व में संचालित 'जल संचय, संरक्षण-संवर्द्धन अभियान' का भी संचालन किए जाने के निर्देश दिए हैं.
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष जिला स्तर पर कार्ययोजना तैयार करने, नियमित अनुश्रवण एवं प्रगति इत्यादि हेतु प्रत्येक संबंधित विभागों द्वारा नोडल अधिकारी नामित करते हुए नोडल अधिकारी का नाम, पदनाम, मोबाइल नंबर, प्रमुख अभियन्ता सिंचाई विभाग को उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि अभियान की सफलतापूर्वक संचालित किए जाने के लिए राज्य एवं जनपद स्तर पर अनुश्रवण सैल का गठन किया जाए. जिला स्तर पर एक जल शक्ति केंद्र गठित किया जाए, जो कि जल संरक्षण तकनीकों के प्रचार-प्रसार और लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु ज्ञान केंद्र की भांति कार्य करेगा. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समस्त जनपदीय रेखीय विभागों द्वारा नामित विभागीय नोडल अधिकारी उक्त केंद्र के सदस्य होंगे. जोकि समय-समय पर आवश्यकतानुसार वर्चुअल ऑफिस के तौर पर मोबाइल के माध्यम से समन्वय एवं जानकारियों का आदान-प्रदान करेंगे.
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जनपद स्तर पर आवश्यक समन्वय हेतु विकासखंड स्तर पर भी नोडल अधिकारी नामित किए जाएं. अभियान के अंतर्गत प्रभावी कार्य योजना, कार्य प्रगति, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु राज्य स्तर पर एक सैल का गठन किया गया है. मुख्य सचिव ने कहा कि अभियान अवधि के दौरान राज्य की समस्त ग्राम पंचायत स्तर पर जल संचय संरक्षण हेतु विभिन्न रेखीय विभागों के अंतर्गत प्रस्तावित गतिविधियों पर चर्चा की जाएगी एवं ग्राम पंचायतों के अनुमोदनोपरांत लक्ष्यों को संकलित भी किया जाएगा. उन्होंने जिलाधिकारियों को जिला जल संरक्षण प्लान तैयार करवाए जाने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने अभियान अवधि में ही पिछले वर्ष की भांति 25 मई को राज्य स्तर के साथ ही, ग्राम पंचायत, विकासखंड एवं जनपद स्तर पर 'जल दिवस' का आयोजन किया जाए. जिलाधिकारी द्वारा अभियान के समापन के उपरांत अभियान की सफलता के आंकलन की व्यवस्था करते हुए जल संरक्षण की मात्रा का भी आंकलन कराकर आंकड़ें तैयार कराए जाएंगे. मुख्य सचिव ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनपद के अंतर्गत स्थित समस्त होटल व्यवसासियों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, आवासीय परिसरों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक आयोजित कर जल संचय तथा जल संरक्षण में सहयोग करने हेतु अनुरोध किया जाए. इसके साथ ही जनपद स्तर पर आवश्यकतानुसार जल संरक्षण के लिए विभिन्न प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाए.