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मुख्य सचिव ने की अमृत सरोवर योजना की समीक्षा, प्रदेश के हर जिले में 75 तालाबों का होगा निर्माण - देहरादून ताजा समाचार टुडे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2022 को आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान अमृत सरोवर योजना की औपचारिक घोषणा की थी. इस योजना के माध्यम से प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले में 75 से अधिक तालाबों का निर्माण करवाया जाना है. सोमवार को मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने सचिवालय में अमृत सरोवर योजना की समीक्षा की.

Chief Secretary SS Sandhu
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Published : Jun 13, 2022, 8:06 PM IST

देहरादून: मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने सोमवार को सचिवालय में अमृत सरोवर योजना की समीक्षा की. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रदेश में अधिक से अधिक सरोवर बनाए जाने पर बल दिया. उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि प्रदेश का 71 प्रतिशत हिस्सा वन क्षेत्र है, जल संरक्षण और संभरण के क्षेत्र में वन विभाग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. उन्होंने अधिकारियों को नए तालाब बनाए जाने के साथ ही पहले से स्थित तालाबों का पुनरोद्धार किए जाने के भी निर्देश दिए.

केंद्र सरकार की अमृत सरोवर योजना के तहत उत्तराखंड में भी तालाबों के निर्माण पर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, योजना का मकसद जल संवर्धन और संरक्षण करना है, साथ ही भूजल की खराब होती स्थिति में सुधार लाना भी है. इसी को लेकर अधिकारियों की बैठक लेते हुए मुख्य सचिव ने सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई विभाग, शहरी विकास विभाग एवं पेयजल निगम को भी अमृत सरोवर योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा तालाबों के निर्माण हेतु तालाबों के चिन्हीकरण के लिए अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए.
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मुख्य सचिव ने वन विभाग को उनके क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सड़कों के किनारे सफाई अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि पर्यटकों के बीच प्रदेश की अच्छी छवि जाए, इसके लिए आवश्यक है कि सफाई व्यवस्था के लिए सालभर लगातार सफाई अभियान चलाया जाए.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2022 को आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान अमृत सरोवर योजना की औपचारिक घोषणा की थी. इस योजना के माध्यम से प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले में 75 से अधिक तालाबों का निर्माण करवाया जाना है, जिससे भूजल की कमी को दूर किया जा सकेगा और जल का संरक्षण और संवर्धन हो सकेगा. योजना के तहत प्रदेश में अभी तक 1017 स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं. इसके अतिरिक्त वन विभाग और शहरी विकास विभाग द्वारा चिन्हित लगभग 300 से अधिक और स्थानों को शामिल किए जाने की संभावना है.

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