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पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की समीक्षा बैठक, उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियां बढ़ाने पर जोर

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए. बैठक में उत्तराखंड में पर्यटन को और बढ़ावा देने पर जोर दिया गया. इसके तहत पर्यटकों के लिए गाइडेंस ऐप तैयार किया जाएगा. साथ ही प्रदेश की सीमा पर कदम रखते ही यात्रियों को 'वेलकम टू उत्तराखंड' का संदेश मिलेगा. वहीं, उद्योगों को आसानी से भूमि उपलब्ध कराने के लिए लैंड बैंक बनाया जाएगा.

review meeting of Tourism and Civil Aviation Department
पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की समीक्षा बैठक

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Published : Nov 29, 2021, 4:47 PM IST

देहरादूनः मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू (chief secretary ss sandhu) ने सोमवार को सचिवालय में पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की समीक्षा (Tourism and Civil Aviation Department Review Meeting) की. इस दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पर्यटकों की सुविधा के लिए गाइडेंस ऐप (Tourism Guidance App) तैयार करने के निर्देश दिए. साथ ही ऐप को यूजर फ्रेंडली बनाने को कहा. इसके अलावा उन्होंने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव कदम उठाने को बात भी कही.

उद्योगों के लिए लैंड बैंकः मुख्य सचिव एसएस संधू ने कहा कि उद्योगों को आसानी से भूमि उपलब्ध हो, इसके लिए लैंड बैंक (Land bank for industries in uttarakhand) तैयार किया जाना चाहिए. पर्यटन विभाग को लैंड बैंक तैयार करने के लिए एक पृथक प्रकोष्ठ (separate cell) बनाने का कहा. उन्होंने कहा कि इस सेल का कार्य प्रदेश भर में लैंड बैंक चिह्नित करना होगा. इससे पर्यटन से जुड़े उद्योगों को स्थापित करने में भी काफी आसानी होगी.

एडवेंचर टूरिज्म के लिए नई जगह होंगे चिह्नितःमुख्य सचिव ने एडवेंचर टूरिज्म (adventure tourism) के अंतर्गत बंजी जंपिंग (bungee jumping), ट्रैकिंग (trekking), पैराग्लाइडिंग (paraglidingः आदि पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इन सभी कार्यों को करने के लिए टाइम लाइन सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि बंजी जंपिंग एवं पैराग्लाइडिंग के लिए उपयुक्त स्थानों की तलाश किए जाने के लिए स्टडी कराई जाए, ताकि इनके लिए नई जगहों को चिह्नित किया जा सके.

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यात्रियों को मिले 'वेलकम टू उत्तराखंड' का संदेशःमुख्य सचिव ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही. इसके साथ ही, हेल्पलाइन नंबर का अधिक से अधिक प्रचार करने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि एक ऐसा सिस्टम भी तैयार किया जाए कि उत्तराखंड में प्रवेश करते ही 'वेलकम टू उत्तराखंड' (Welcome to Uttarakhand) का संदेश राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों को मिले और इसमें साथ साथ टूरिज्म संबंधित जानकारियों वाला ऐप डाउनलोड करने का लिंक भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिसमें उत्तराखंड में पर्यटन से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध हों.

माउंटेनियरिंग के लिए ट्रैकिंग डिवाइस अनिवार्यःमुख्य सचिव एसएस संधू ने माउंटेनियरिंग के लिए ट्रैकिंग डिवाइस को अनिवार्य (Tracking device mandatory in mountaineering) किए जाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इससे लापता माउंटेनियर आदि को ढूंढने के आसानी होगी. साथ ही माउंटेनियरिंग और ट्रैकिंग (Mountaineering and Trekking) आदि के लिए ली जाने वाले शुल्क को भी कम किया जाए, ताकि अधिक से अधिक माउंटेनियरिंग और ट्रैकिंग दलों को प्रोत्साहित किया जा सके. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.

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होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए होगी ट्रेनिंगःमुख्य सचिव ने सुलभ सुविधाओं की मॉनिटरिंग के लिए भी व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने कैपेसिटी बिल्डिंग पर भी फोकस किए जाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए ट्रेनिंग उपलब्ध कराया जाना जरुरी है. इसके लिए होटल रेस्टोरेंट से जुड़े कर्मियों को 2 से 3 मिनट की वीडियो क्लिप्स के माध्यम से अलग अलग प्रकार की ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जाए.

यह सभी वीडियो पर्यटन विभाग की वेबसाइट (Uttarakhand Tourism Department Website) और सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफार्म पर निशुल्क भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए. ताकि जिसको भी हॉस्पिटैलिटी आदि के बारे में जानकारी चाहिए, वेबसाइट आदि के माध्यम से मिल सके. मुख्य सचिव ने नागरिक उड्डयन विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि राज्य में हवाई सेवाओं को किफायती कीमत पर प्रदेश वासियों और पर्यटकों को उपलब्ध कराए जाने हेतु प्रयास किए जाएं. इसके लिए अधिक से अधिक गंतव्यों को चिह्नित कर विकसित किया जाए.

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हेलीपैड की संख्या बढ़ाए जाने पर जोरःवहीं, मुख्य सचिव एसएस संधू ने कहा कि प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी (air connectivity) बढ़ाए जाने के लिए अधिक से अधिक हेलीपैड भी विकसित किए जाएं. हेलीपैड विकसित किए जाते समय ट्रांसपोर्टेशन (transportation), डिजास्टर मैनेजमेंट (disaster management)और मेडिकल इमरजेंसी (medical emergency) जैसे पहलुओं पर ध्यान रखा जाए.

उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों को भी चिह्नत किया जाए, जो भले ही पर्यटन की दृष्टि से उपयोगी न हों लेकिन आपदा एवं मेडिकल इमरजेंसी की दृष्टि से उपयोगी हों. उन्होंने कहा कि हेलीपैड समय से तैयार हो सकें, इसके लिए साप्ताहिक समीक्षा की जाए. प्रत्येक प्रोजेक्ट को ससमय पूर्ण करने के लिए प्रत्येक स्टेज एवं कार्य के पूर्ण होने की समय सीमा निर्धारित की जाए.

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