देहरादून:धर्मनगरी हरिद्वार में गुरुवार यानी कि 1 अप्रैल से महाकुंभ 2021 का आगाज होने जा रहा है. ऐसे में जहां एक तरफ शासन-प्रशासन की ओर से तैयारियां पूर्ण कर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर ली गई है. तो वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार महाकुंभ मेला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौतीपूर्ण साबित होने जा रहा है.
बता दें कि, 1 अप्रैल से शुरू होकर आगामी 30 अप्रैल तक चलने वाले महाकुंभ मेले में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार सभी देश के अलग-अलग राज्यों से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 की नेगेटिव जांच रिपोर्ट लानी अनिवार्य की गई है. इसके साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार में प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं की जांच के लिए राज्य के 25 अलग-अलग स्थानों में चेक पोस्ट बनाए गए हैं.
हरिद्वारवासियों से विशेष एहतियात बरतने की अपील. मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि जिस तरह देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. उसे देखते हुए इस बार महाकुंभ मेला काफी चुनौतीपूर्ण साबित होने जा रहा है. ऐसे में जहां एक तरफ सभी श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आना अनिवार्य किया गया है. दूसरी तरफ महाकुंभ मेले को देखते हुए हरिद्वार निवासियों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है. जहां केंद्र सरकार की ओर से लगातार वैक्सीनेशन ड्राइव चलाई जा रही है. ऐसे में धर्मनगरी हरिद्वार के स्थानीय व्यापारियों और अखाड़ा परिषद के साथ ही गंगा सभा के लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन जरूर लगा लेनी चाहिए.
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गौरतलब है कि धर्मनगरी हरिद्वार में गुरुवार से शुरू होने जा रहे महाकुंभ मेले के दौरान आगामी 12 और 14 अप्रैल को शाही स्नान होने जा रहे है. जिसमें 50 लाख से ज्यादा की भीड़ के उमड़ने का अनुमान है. ऐसे में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच यह दोनों की शाही स्नान शासन- प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित होने जा रहा है.