देहरादून: गुरुवार को उत्तराखंड के औली में उद्योगपति अजय गुप्ता के बड़े बेटे सूर्यकांत की शादी दिल्ली के हीरा व्यापारी सुरेश सिंघल की बेटी कृतिका के साथ संपन्न हो गई. जबकि अजय गुप्त के छोटे भाई अतुल गुप्ता के बेटे शशांक गुप्ता की शादी दुबई के उद्योगपति विशाल जालान की बेटी शिवांगी से 22 जून को औली में होगी.
ये शाही शादी करीब 200 करोड़ रुपए से अधिक की बताई जा रही है. इस शाही शादी को लेकर कई विवाद भी खड़े हुए हैं. 200 करोड़ रुपए की इस शादी को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने भी नाराजगी जताई थी. अदालत ने विवाह में शामिल पक्षकारों को वहां सफाई किए जाने और पर्यावरण को होने वाली संभावित हानि की भरपाई के लिए पांच करोड़ रुपये जमा करने के निर्देश देते हुए औली में अस्थायी रूप से बनाए गए आठ हेलीपैडों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी.
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वहीं इस बार हाल ही में सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी बयान आया था. सीएम त्रिवेंद्र गुप्ता बंधुओं के पक्ष में खुलकर सामने आ गए थे. उन्होंने विरोधियों को जवाब देते हुए कहा था कि उनके आग्रह पर ही गुप्ता बंधुओं ने इस शादी का कार्यक्रम औली में बनाया है.
सीएम का कहना है कि इस शादी के बाद औली की तस्वीर काफी हद तक बदल जाएगी. उत्तराखंड को मैरिज डेस्टिनेशन बनाने में जो कदम सरकार बढ़ा रही है उसमें काफी हद तक सफलता भी मिलेगी.
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सीएम ने बताया कि कुछ दिनों पहले गुप्ता परिवार उनसे मिलने उनके आवास पर आया था. तब उन्होंने बताया था कि उनके बेटे का शादी है, जो करीब 200 करोड़ रुपए की होगी. तभी सीएम त्रिवेंद्र ने उनसे आग्रह किया था कि अगर आप शादी में 200 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं तो क्यों न यह शादी आप उत्तराखंड के औली में करें. इसके बाद ही गुप्ता परिवार ने ये शादी औली में करने का मन बनाया था.
इस वक्त उत्तराखंड को खर्चीले पर्यटक की आवश्यकता है, जो यहां आकर खर्चा करें. उससे यहां की आर्थिक स्थिति में काफी हद तक सुधार आएगा. आज 200 करोड़ रुपए की शाही शादी की वजह से उत्तराखंड का नाम विश्वभर में हो रहा है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस शादी की चर्चा आज न्यूयॉर्क टाइम्स में भी हो रही है.
सीएम ने गुप्ता परिवार से कहा था कि वह शादी के कुछ रीति रिवाज त्रिजुगीनारायण मंदिर में भी करें. जिस पर गुप्ता परिवार ने सहमति जताई थी. उनका परिवार त्रिजुगीनारायण में इस शादी की कुछ रश्में भी निभाएगा. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं जो सही नहीं है. क्योंकि अगर उत्तराखंड धर्म के साथ-साथ मैरिज डेस्टिनेशन में भी आगे बढ़ता है तो यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति में काफी हद तक सुधार आएगा.