देहरादून:नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की. राजीव कुमार उत्तराखंड में दो दिवसीय दौरे पर हैं. बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फॉरेस्ट क्लीयरेंस और केंद्रीय योजना पर राज्य की स्थितियों से नीति आयोग के उपाध्यक्ष को रूबरू करवाया.
दोनों के बीच उत्तराखंड से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से विचार विमर्श हुआ. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की परियोजनाओं के लिए केंद्र की परियोजनाओं की तरह ही डिग्रेडेड फॉरेस्ट लैंड पर क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण की अनुमति दी जानी चाहिए. राज्य की परियोजनाओं में क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के लिए दोगुनी भूमि देनी होती है, जबकि केंद्र की परियोजनाओं के लिये ऐसा नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए जरूरी औपचारिकताओं का सरलीकरण किया जाना चाहिए.
वहीं, नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि इन मामलों को नीति आयोग द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता से लेते हुए संबंधित मंत्रालय से बात की जाएगी. डॉ राजीव कुमार ने कहा कि चीड़ के पेड़ हमारे यहां की परिस्थितियों के अनुरूप नहीं हैं. इन्हें धीरे-धीरे किस प्रकार स्थानीय प्रजाति के वृक्षों से रिप्लेस किया जा सकता है, इसकी योजना बनाई जानी चाहिए. इस संबंध में एफआरआई द्वारा किये गये अध्ययन की रिपोर्ट उपलब्ध कराने की बात कही.
डॉ राजीव कुमार ने राज्य में एसडीजी (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स) के लिए मॉनिटरिंग सेल बनाने का सुझाव दिया. यह बताए जाने पर कि राज्य सरकार की अनेक बाह्य सहायतित परियोजनाओं के प्रस्ताव एआईआईबी व एनडीबी में लम्बित हैं, उन्होंने कहा कि इन मामलों को दिखाया जाएगा. नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने राज्य में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किये जाने पर भी बल दिया.