देहरादून: बसंत ऋतु के स्वागत में मनाए जाने वाले पारंपरिक त्योहार फूलदेई का रंग चढ़ने लगा है. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी रविवार सुबह को भागीरथीपुरम स्थित अपने आवास पर बच्चों के साथ प्रकृति का आभार प्रकट करने वाले लोक पर्व फूलदेई मनाया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को फूलदेई त्यौहार की शुभकमाएं देते हुए कहा कि बसंत ऋतु का यह पावन पर्व हम सबके जीवन में सुख-समृद्धि एवं खुशहाली लाए. ऐसी ईश्वर से मंगल कामना करता हूं.
रविवार से शुरू हुआ फूलदेई का त्योहार उत्तराखंडी समाज के लिए विशेष पारंपरिक महत्व रखता है. चैत की संक्रांति यानि फूल संक्रांति से शुरू होकर इस पूरे महीने घरों की देहरी पर फूल डाले जाते हैं. इसी को गढ़वाल में फूल संग्राद और कुमाऊं में फूलदेई पर्व कहा जाता है. जबकि, फूल डालने वाले बच्चों को फुलारी कहते हैं, इस खास मौके पर फूलदेई, छम्मा देई, दैणी द्वार, भर भकार... जैसे लोक गीत सुनने को मिलते हैं. इन बच्चों को स्थानीय लोग चावल, गुड़ और रुपये भी भेंट करते है.