उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर बैठक देहरादूनःउत्तराखंड में दिसंबर महीने में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 को लेकर कसरत शुरू हो गई है. इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने समिट को लेकर सभी विभागों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे. ऐसे में समिट की तैयारियों को लेकर गुरुवार को सीएम धामी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सलाहकार समूह की बैठक आयोजित की गई. बैठक में सभी कैबिनेट मंत्री, शासन के आला अधिकारियों समेत तमाम इंडस्ट्री और संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.
बता दें कि आगामी 9 और 10 दिसंबर को प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 को लेकर धामी सरकार ने कमर कस ली है. आज मुख्यमंत्री सलाहकार समूह की बैठक में मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों से संबंधित तमाम प्रस्तावों की जानकारियां सीएम के सामने रखी. साथ ही प्रदेश में मौजूद तमाम कंपनियों और संस्थाओं के लोगों ने भी समिट को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए. ताकि, सरकार ने समिट में निवेश को लेकर जो लक्ष्य तय किया है, उस लक्ष्य को पूरा किया जा सके.
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वहीं, मुख्यमंत्री सलाहकार समूह की बैठक संपन्न होने के बाद सीएम धामी ने बताया कि विभिन्न उद्योग समूह, चिकित्सा क्षेत्र, शिक्षा और समाज में विभिन्न क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से चर्चा किया गया है. बैठक में लोगों ने सुझाव दिए हैं कि कैसे निवेशों को आकर्षित कर अधिकतम निवेश लाया जा सकता है. लिहाजा, जो सुझाव मिले हैं, इन सुझावों पर काम किया जाएगा. साथ ही कहा कि इस बैठक से समिट की शुरुआत हो गई है.
इसके बाद अन्य शहरों और विदेशों में जाकर निवेशकों को आकर्षित करेंगे. साथ ही कहा कि इन्वेस्टर समिट होने तक एक अच्छा निवेश पूरी तरह से आ जाए. निवेशकों को लुभाने के लिए जो नीतियां बनाई गई है, उसको काफी सरल किया गया है. सीएम धामी ने कहा कि ढाई लाख करोड़ रुपए के एमओयू का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
साल 2018 में जो इन्वेस्टर्स समिट हुआ था, उसका दोगुना लक्ष्य निर्धारित किया है. उस दिशा में जो वातावरण तैयार किया गया है, वो काफी सुखद है. हालांकि, प्रदेश में लैंड की उपलब्धता, अच्छा वातावरण, कानून व्यवस्था, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर , रेल इंफ्रास्ट्रक्चर, हवाई कनेक्टिविटी के साथ ही देश की राजधानी से भी काफी नजदीक है. ऐसे में सभी सेक्टर पर फोकस कर रहे हैं.
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2018 के इन्वेस्टर समिट में 22 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट धरातल पर उतराःवहीं, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या पलायन और रोजगार है. जिसको रोकने के लिए इन्वेस्टर समिट एक जरूरी स्टेप है. हालांकि, साल 2018 में भी इन्वेस्टर समिट किया गया था, उस दौरान करीब साढ़े 22 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट धरातल पर उतरा था. जिसका फायदा उत्तराखंड के युवाओं और उत्तराखंड की इकोनॉमी को हुआ. उसी तरह इस बार भी इन्वेस्टर समिट होने जा रहा है, जो दिसंबर महीने में प्रस्तावित है.
सरकार का जो यह प्रयास है, वो उत्तराखंड की समृद्धि, लोगों के विकास, उत्तराखंड की क्षमताओं को वैश्विक स्तर तक पहुंचाने के लिए बेहतरीन प्रयास है. साथ ही कहा कि सीएम धामी ने पूरी गंभीरता के साथ सभी विषयों को सुना है. उत्तराखंड मुफीद प्रदेश हैं, जहां निवेश की काफी ज्यादा संभावनाएं हैं. हालांकि, इस बैठक में जो योजनाएं बनीं हैं, वो पूरे देश ही नहीं बल्कि, विश्व के लोग जो निवेश करना चाहते हैं, उनके कदम उत्तराखंड की ओर बढ़ेंगे. साथ ही कहा कि लक्ष्य से ज्यादा कार्य हों, इसके लिए वो भी प्रयास करेंगे.
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