देहरादून: दिल्ली से देहरादून की दूरी को मात्र ढाई घंटे में तय करने के लिए बनाए जा रहे अत्याधुनिक रोड प्रोजेक्ट को लेकर के एक आईआईटी रुड़की के जियोलॉजिस्ट ने सवाल खड़े किए थे. कहा था कि इस प्रोजेक्ट से राजाजी नेशनल पार्क के इकोसिस्टम को नुकसान पहुंच रहा है. वहीं इससे पर्यावरण का भी बेहद नुकसान किया जा रहा है. जिस पर वन विभाग की तरफ से जवाब आया है.
दिल्ली-देहरादून रोड प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े करने पर प्रमुख वन संरक्षक ने पूछा आधार, बताया महत्वाकांक्षी योजना - Dehradun Road Project
Delhi Dehradun Road Project हाल ही में आईआईटी रुड़की के जियोलॉजिस्ट द्वारा दिल्ली देहरादून रोड प्रोजेक्ट पर उठाए गए सवाल को लेकर उत्तराखंड वन विभाग ने जवाब दिया है. साथ ही इस प्रोजेक्ट को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए, उठाए गए सवालों की जानकारी सार्वजनिक करने को कहा है.
वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक का कहना है कि 70 फीसदी वनों से आच्छादित उत्तराखंड के भूभाग में अगर विकास करना होगा तो निश्चित तौर से पेड़ों के कटान को नजरअंदाज करना बेहद चुनौतीपूर्ण होगा. उन्होंने कहा कि जहां हमें पर्यावरण संरक्षण की जरूरत है तो वहीं दूसरी तरफ हमें विकास की जरूरत भी है.प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने कहा कि आपदा और सामरिक दृष्टि के लिहाज से बेहद संवेदनशील राज्य उत्तराखंड में रोड कनेक्टिविटी और अन्य तरह के विकास बेहद जरूरी हैं. हालांकि विकास के लिए होने वाले पेड़ों के कटान से नुकसान में संतुलन बैठाना भी बेहद जरूरी है.
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दिल्ली देहरादून रोड प्रोजेक्ट को लेकर के वन विभाग का कहना है कि राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरने वाले हाईवे को लेकर के केंद्रीय कार्यालय एजेंसियों द्वारा हर तरह की पर्यावरण संबंधित अनुमति ली गई है. केंद्र सरकार द्वारा इस मेगा प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने से पहले हर पहलू पर विस्तृत विचार विमर्श और शोध किए गए हैं. वन विभाग ने इस मेगा प्रोजेक्ट पर सवाल उठाने वाले जियोलॉजिस्ट से भी पूछा है कि वह किस आधार पर इस मेगा प्रोजेक्ट पर सवाल उठा रहे हैं और जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है.