देहरादून/अलीगढ़: अगर सब कुछ ठीक रहा तो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का सिटी स्कूल भविष्य में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से जाना जाएगा. दरअसल, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को करीब ढाई एकड़ जमीन राजा महेंद्र प्रताप ने वर्ष 1929 में लीज पर दी थी. अब राजा महेंद्र प्रताप के वंशजों ने एएमयू प्रशासन से यह मांग की है कि अगर एएमयू सिटी स्कूल की जमीन को वह चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें इस स्कूल का नाम बदलना होगा. देहरादून में रहने वाले उनके पोते छत्र प्रताप सिंह ने एएमयू प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर यह मांग की है.
बता दें कि राजा महेंद्र प्रताप ने वर्ष 1929 में एएमयू को करीब ढाई एकड़ जमीन लीज पर दी थी. जमीन को 90 साल की लीज पर दिया गया था. अब लीज खत्म होने पर राजा के वंशज की ओर से विश्वविद्यालय को एक पत्र लिखा गया. जिसमें कहा गया कि एएमयू का तिकोनिया पार्क एवं सिटी स्कूल दोनों राजा महेंद्र प्रताप की जमीन पर बने हैं. विश्वविद्यालय को यह जमीन 90 साल पहले लीज पर दी गई थी, जिसकी अवधि 2018 में समाप्त हो गई है. राजा महेंद्र प्रताप ने एएमयू प्रशासन को प्रपोजल दिया गया है कि वे तिकोनिया पार्क की जमीन उनको वापस कर दें. साथ ही उनकी जमीन पर बने यूनिवर्सिटी के सिटी स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से किया जाए. वर्तमान में यह जमीन एएमयू कैंपस से लगभग चार किलोमीटर दूर पुराने शहर अलीगढ़ के जीटी रोड पर सिटी हाई स्कूल के खेल मैदान के रूप में इस्तेमाल हो रही है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए छत्र प्रताप सिंह ने कहा कि उन्हें बेहद खुशी है कि आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके दादा राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से उत्तर प्रदेश में एक यूनिवर्सिटी और एक स्कूल भी खुलवाने वाले हैं. छत्र प्रताप सिंह बताते हैं कि उनके दादा महेंद्र प्रताप ने वृंदावन मथुरा में भी इसी तरह सैकड़ों एकड़ जमीन दी है. जिनपर कई स्कूल और विश्वविद्यालय बने हुए हैं. छत्र प्रताप सिंह का कहना है कि उन्हें बेहद खुशी है कि एएमयू प्रशासन ने उनके इस पत्र पर गंभीरता से न केवल विचार किया है, बल्कि प्रपोजल पर लगभग सहमति भी बन गई है.
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छत्र प्रताप बताते हैं कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने और उसको जमीन देने में बड़ा योगदान उनके दादा का रहा है. लिहाजा अगर उनके नाम से अब यह शिक्षा संस्थान जाना जाएगा तो उन्हें बेहद खुशी होगी. उनका कहना है कि लीज के हिसाब से एएमयू जमीन वापस करे या दादा राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर स्कूल का नाम रखे. अगर एएमयू प्रशासन उनकी इस बात को नहीं मानता तो हो सकता है कि शिक्षा संस्थान से यह जमीन वापस ले ली जाए. अगर ऐसा होता है तो एमओयू प्रशासन की हजारों एकड़ की जमीन उनके हाथों से निकल जाएगी. लिहाजा उनके पोते को यह भरोसा है कि उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन इस पर जल्द ही कोई विचार कर उन्हें जानकारी देगा. राजा महेंद्र प्रताप सिंह के वंशजों की मांग पर एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में वाइस चांसलर एएमयू के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया गया है.
जीटी रोड पर तहसील के पास जिस जमीन पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) का सिटी स्कूल है, वह मुरसान नरेश राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने दो रुपए सालाना के हिसाब से 90 साल के लिए लीज पर दी थी. ढाई साल पहले लीज खत्म हो गई है. अब राजा के वंशजों ने एएमयू से जमीन के बदले राजा के नाम पर स्कूल का नाम रखने का प्रस्ताव दिया था.