देहरादून: बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इस आसमानी आफत की वजह से कई राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गए, जिसके चलते कई जगहों पर आवागमन पूरी तरह से ठप है. आपदा को देखते हुए राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा पर अस्थाई रोक लगा दी थी, लेकिन अब सामान्य स्थिति होते देख आज से चारधाम की यात्रा एक बार फिर से शुरू कर दी गई है.
फिलहाल चारों धामों में से तीन धाम गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू की गई है. जबकि बदरीनाथ धाम के लिए अभी यात्रा सुचारू रूप से शुरू नहीं हो पाई है. चारधाम के कपाट खुलने के बाद 18 सितंबर से धामों की यात्रा शुरू की गई थी, लेकिन महज एक महीने बाद प्रदेश में हुई भारी बारिश के चलते अस्थायी रूप से 2 दिनों के लिए यात्रा को रोक दिया गया था. मौसम सामान्य होने के बाद एक बार फिर से चारधाम की यात्रा शुरू कर दी गई है.
उम्मीद है कि आने वाले समय में चारधाम की यात्रा एक बार फिर से रफ्तार पकड़ेगी. हालांकि, चारधाम यात्रा में महज कुछ दिन का ही समय बचा है. ऐसे में राज्य सरकार का फोकस है कि जितने दिन भी यात्रा के बचे हैं, उस दौरान अधिक से अधिक श्रद्धालु चारधामों की यात्रा कर सकें.
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बाबा केदारनाथ धाम के लिए 20 अक्टूबर से एक बार फिर यात्रा शुरू कर दी गई है. आज सुबह सोनप्रयाग, लिंचोली बेस कैंप से करीब 8 हजार श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए रवाना हुए. वहीं, 19 अक्टूबर को ही यमुनोत्री धाम की यात्रा शुरू कर दी गई थी. 19 अक्टूबर से अभी तक ढाई हजार से अधिक श्रद्धालु यमुनोत्री धाम के दर्शन कर चुके हैं. यही नहीं गंगोत्री धाम की यात्रा भी आज से ही शुरू हुई है. 19 अक्टूबर की शाम तक सुक्खी टाप में सड़क मार्ग खराब होने के चलते गंगोत्री धाम यात्रा शुरू नहीं हो पाई थी.
जिसके बाद जिला प्रशासन की पहल पर यात्रा मार्ग को व्यवस्थित कर दिया गया है. तीर्थयात्रियों का आवागमन शुरू हो गया है. वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध होने के कारण आज से बदरीनाथ धाम की यात्रा शुरू नहीं हुई. जिसके चलते तीर्थ यात्रियों को जोशीमठ, पीपलकोटी आदि जगहों पर रोका गया है. चारधाम की यात्रा शुरू होने के बाद से अभी तक दो लाख से अधिक तीर्थयात्री चारधाम पहुंच चुके हैं.
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प्रदेश में बारिश के चलते सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा है. ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग लामबगड़ में अवरुद्ध है, जिसे खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं. भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई स्थानों पर अवरुद्ध है, जिसे खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं. कुछ स्थानों पर मार्ग पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं. अल्मोड़ा-घाट मार्ग भी कई जगह पर अवरुद्ध है. टनकपुर-पिथौरागढ़ मार्ग का भी तीन स्थानों पर करीब 30 मीटर का हिस्सा पूरी तरह वाशआउट हो चुका है.
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों को दुरुस्त करने में तकरीबन 100 करोड़ से ऊपर की लागत आएगी. जो भी यात्री जिन भी स्थानों पर फंसे हैं, उन्हें रेस्क्यू किया जा रहा है. मंत्री ने यात्रियों से मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए यात्रा पर आने की अपील की है.