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आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने प्रदेश की राजधानी कालागढ़ में बनाने की उठाई मांग - Demand to make Uttarakhand capital, Kalagarh

आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भारत एकता मिशन के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने प्रदेश की राजधानी कालागढ़ को बनाए जाने की मांग उठाई है.

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आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर शेखर.

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Published : Feb 26, 2021, 9:02 AM IST

देहरादून:भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने प्रदेश की राजधानी कालागढ़ को बनाए जाने की मांग उठाई है. उन्होंने ऐलान किया कि आजाद समाज पार्टी प्रदेश की सभी 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. साथ ही उन्होंने स्थायी राजधानी के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी पर जमकर हमला बोला.

देहरादून के प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने कई मुद्दों पर सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस की सरकारों ने बारी-बारी से राजधानी के मुद्दे पर राज्य की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. राज्य के कुल आबादी की 60 से 70 प्रतिशत जनता मैदान के 3 जिलों में निवास करती है, जिसमें एक बड़ा तबका एससी, पिछड़ी जातियों तथा अल्पसंख्यक समुदाय है. आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण यह बहुसंख्यक गैरसैंण जैसे दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में जाकर सरकार से अपनी परेशानी नहीं बयां कर सकते हैं.

आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर शेखर.

चंद्रशेखर आजाद ने कालागढ़ को उत्तराखंड की राजधानी बनाए जाने की वजह बताते हुए कहा कि गैरसैंण में खाने-पीने और रहने की काफी दिक्कतें हैं, जबकि कालागढ़ मैदानी और पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण सुविधाजनक है. इसके अलावा राज्य के सभी जिलों से दूरी भी लगभग समान है. उन्होंने कहा कि वहां सिंचाई विभाग की इमारत, आवासीय परिषद आदि पहले से ही मौजूद हैं.

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अन्य मुद्दे जो चंद्रशेखर आजाद ने उठाए.

1- आजाद समाज पार्टी गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट को पुनर्जीवित करने की मांग करती है. इसके अंतर्गत गरीब एवं भूमिहीनों को जीवन उपार्जन योग्य भूमि का आवंटन किया जाना चाहिए.

2- स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत अनुसूचित जातियों की उप योजना में से इन वर्गों के छात्र-छात्राओं की हायर एजुकेशन की मांग की. साथ ही प्रत्येक छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास बनाने, लाइब्रेरी तथा प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए सेंटर बनाए जाने चाहिए.

3- पर्वतीय जिलों के निवासियों को मूल निवास और मैदानी मूल के निवासियों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं, जो जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ है. इस विसंगति से लोग अपने मौलिक अधिकारों से वंचित हो रहे हैं. ऐसे में आजाद समाज पार्टी राज्य पुनर्गठन एक्ट 2000 से पूर्व की स्थिति बहाल करने की मांग करती है.

4- अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के साथ ही अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति समय से जारी करने के अलावा, इस वर्ष कोविड-19 ऑनलाइन पंजीकरण से वंचित होने वाले विद्यार्थियों को एक और मौका दिया जाना चाहिए.

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