लखीमपुरखीरी/देहरादून: चमोली के तपोवन में ग्लेशियर फटने से एनटीपीसी और ऋषि गंगा प्रोजेक्ट हादसे में खीरी जिला प्रशासन ने 29 मजदूरों के लापता होने की रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार और चमोली जिला प्रशासन को भेज दी है. इन मजदूरों को अब उत्तराखंड सरकार मृत घोषित करेगी और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाएगा.
गौरतलब है कि सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर फटने से करीब 100 से ज्यादा मजदूर अलकनंदा और धौली गंगा नदी में आए सैलाब और टनल में बहकर लापता हो गए थे. इसमें 33 मजदूर खीरी जिले के थे. यूपी में लखीमपुर खीरी के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि एक महीने के नोटिस पीरियड के बाद 29 मजदूरों के लापता होने की लिस्ट हमने उत्तराखंड सरकार और चमोली के डीएम को भेज दी है. आगे की कार्यवाही उत्तराखंड में चमोली जिला प्रसाशन को करनी है.
ये था घटनाक्रम
उत्तराखंड के चमोली के तपोवन में एनटीपीसी और ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में चल रहे काम में खीरी के भी 60 मजदूर काम कर रहे थे. ये सभी निघासन तहसील के तिकोनियां इलाके के अलज-अलग गांवों के थे. सात फरवरी को ग्लेशियर फटने के बाद आए सैलाब के मलबे में और टनल में फंसकर खीरी के भी 33 मजदूर लापता हो गए थे. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के चले रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन में खीरी के चार मजदूरों के शव दो तीन दिन बाद मिल गए थे.
इनकी पहचान भी परिजनों ने जर दी थी. मगर 29 और मजदूर अभी तक लापता ही थे. लापता मजदूरों के बारे में उत्तराखंड सरकार की तरफ से चमोली जिला प्रशासन ने खीरी के जिला प्रशासन से तफ्तीश कर रिपोर्ट देने के लिए पत्र भेजा था. डीएम खीरी शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि एक महीने के नोटिस पीरियड में कोई भी आपत्ति इन लापता 29 मजदूरों के मामले में नहीं आई. इसलिए निघासन एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर खीरी जिला प्रशासन ने चमोली के डीएम और एसडीएम को 29 मजदूरों के लापता होने की रिपोर्ट भेज दी है.
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