देहरादून: चमोली के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने के बाद पानी का तेज बहाव नीचे की ओर आया. इसका पानी सबसे पहले तपोवन स्थित NTPC के पावर प्रोजेक्ट में लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला.
तपोवन में टनल से मलबा निकालने का काम जारी है. NDRF, आईटीबीपी, सेना, एसडीआरएफ की टीमें मलबे में तलाशी भी कर रही है. मलबे में फंसे लोगों का सुराग ढूंढ़ने के लिए NDRF की टीम सभी मशीनों का सहारा ले रही है.
वहीं, NDRF के डीजी एसएन प्रधान ने कहा कि अभी हमारा पूरा ध्यान 2.5 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने पर है. सभी टीमें उसी काम में लगी हुई हैं. सुरंग में 1 किलोमीटर से ज्यादा तक की मिट्टी को हटा दिया गया है. जल्द ही हम उस स्थान तक पहुंच जाएंगे जहां पर लोग जीवित हैं.
तपोवन टनल में चुनौतियां
2.5 किलोमीटर लंबे इस टनल में कई जगह मोड और स्टोरेज के लिए जगह छोड़ी गई हैं. ऐसे में मशीनों को मवूमेंट के लिए ज्यादा मेहनत करना पड़ा रहा है. तपोवन टनल में रेस्क्यू काम में जुड़े लोगों का कहना है कि सुरंग के अंदर भारी कीचड़, गाद और बोल्डर की वजह से राहत बचाव कार्य में समय लग रहा है. हालांकि टीमें ऑक्सीजन की मशीनें स्टैंडबाय में रखी है.
NTPC प्रोजेक्ट से आई तस्वीरें को देखकर लगता है कि यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन काफी मुश्किल है. पूरी सरंग मलबे से भरी हुई है. ITBP के जवान बेहद सावधानी से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. ITBP, आर्मी, SDRF और NDRF की संयुक्त टीम चमोली के तपोवन टनल में बचाव कार्य में जुटी हुई है.