देहरादून:पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मां ब्रह्माचरिणी हिमालय की पुत्री थीं और नारद के उपदेश के बाद भगवान (Chaitra Navratri 2022) शिव को पति के रूप में पाने के लिए इन्होंने कठोर तप किया, जिस कारण इनका नाम तपश्चारिणी अर्थात् ब्रह्मचारिणी पड़ा. मां का यह रूप काफी शांत और मोहक है. माना जाता है कि जो भक्त मां के इस रूप की पूजा करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. मां का यह स्वरूप आपको ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए प्रेरित करता है.
कैसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा: कहते हैं आज जो भी व्यक्ति मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करता है, वह जीवन के किसी भी क्षेत्र में जीतने की शक्ति हासिल कर सकता है. इससे व्यक्ति के अंदर संयम, धैर्य और परिश्रम करने के लिये मनोबल की भी बढ़ोत्तरी होती है. अगर आप भी किसी कार्य में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो आज आपको देवी ब्रह्मचारिणी के इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए. देवी ब्रह्मचारिणी का मंत्र इस प्रकार है- ''ऊं ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम: ।''
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आज आपको इस मंत्र की कम से कम एक माला, यानि 108 बार जाप करना चाहिए. इससे विभिन्न कार्यों में आपकी जीत सुनिश्चित होगी साथ ही आज माता को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाने से व्यक्ति को लंबी आयु का वरदान मिलता है. इसके साथ ही नौ ग्रहों में से मंगल के ऊपर मां ब्रह्मचारिणी का आधिपत्य रहता है. लिहाजा मंगल सम्बन्धी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करना बड़ा ही लाभदायी होगा.