देहरादून: उत्तराखंड में वैक्सीनेशन को लेकर केन्द्र सरकार की तरफ से कुछ जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं. इसके अनुसार किन लोगों को कब वैक्सीन लगवानी है, इसको लेकर जानकारी दी गई है. साथ ही वैक्सीन से जुड़े दूसरे दिशा निर्देश भी इसमें दिए गए हैं.
उत्तराखंड मे कोरोना महामारी को लेकर वैक्सीनेशन अभियान को भी आगे बढ़ाया जा रहा है. इस दिशा में केन्द्र सरकार की तरफ से दिए जा रहे दिशा-निर्देशों के आधार पर राज्य की तरफ से फॉलो किया जा रहा है. इसी क्रम में केन्द्र सरकार में सचिव राजेश भूषण की तरफ से मुख्य सचिव को एक पत्र जारी किया गया है. इस पत्र में वैक्सीन लगाने की समय सीमा और उसकी गाइडलाइन से जुड़ी बातें बताई गई हैं.
वैक्सीनेशन को लेकर केन्द्र सरकार ने जारी किए निर्देश - वैक्सीनेशन उत्तराखंड
उत्तराखंड में कोरोना के मामले दिनों-दिन बढ़ रहे हैं. वहीं कोरोना वैक्सीनेशन के लिए केन्द्र सरकार में सचिव राजेश भूषण की तरफ से मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है.
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राजेश भूषण की तरफ से दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना पॉजिटिव हुए मरीज के ठीक होने के 3 महीने बाद ही उसे वैक्सीन लगाई जाए. जिस मरीज के एंटीबॉडी विकसित करने के लिए प्लाज्मा चढ़ाया गया है. उसे भी अस्पताल से छुट्टी और ठीक होने के 3 महीने बाद ही वैक्सीन लगानी चाहिए. जिन लोगों ने पहली डोज लगाई और उसके बाद भी संक्रमित हुए ऐसे लोगों को भी संक्रमण से ठीक होने के 3 महीने बाद वैक्सीन की दूसरी डोज लगानी चाहिए. इसके अलावा दूसरी बीमारी से ग्रसित गंभीर मरीजों को भी 1 महीने से लेकर 2 महीनों के बाद ही वैक्सीन की डोज लगवानी है.आरटी पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने और वैक्सीन लगवाने के 14 दिन बाद रक्तदान किया जा सकता है. छोटे बच्चों की माताओं को वैक्सीन लगाने की भी इस पत्र में सिफारिश की गई है. पत्र में भी साफ किया गया है कि वैक्सीन लगवाने से पहले किसी भी व्यक्ति की स्क्रीनिंग या रैपिड एंटी टेस्ट की जरूरत नहीं है.